चेन्नई: चेन्नई और इसके आसपास के अधिकांक्ष क्षेत्रों में बाढ़ का पानी एकत्रित हो जाने से सफाई कार्यकर्ताओं के सामने सड़कों पर फैले एक लाख टन कचरे को हटाने का बेहद मुश्किल कार्य है। कचरे को जल्द ही साफ करने के लिए लगभग 30 हजार से भी अधिक सफाईकर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है। जब इन्होंने कार्य संभालना प्रारंभ किया तो यहां पाॅलीथिन बैग, कालीन, सड़ता अनाज और घरों की दूसरी सामग्री पूरे शहर में सड़कों और अन्य क्षेत्रों में पसरी पड़ी हुई थी।
माना जा रहा है कि जल के जमाव और कचरे के ठहराव के बीच महामारी फैलने का अंदेशा है। जिसके कारण अभी किसी तरह की परेशानी सामने नहीं आई है। चेन्नई नगर निगम के अनुसार बीते दो दिन के अंतर्गत 10 हजार टन कचरा हटा दिया गया। अधिकारियों द्वारा यह भी कहा गया कि नगर निगम के 22500 सफाईकर्मियों के साथ ही 8 हजार कर्मचारियों को सफाई की जिम्मदारी सौंपी गई।
इस कार्य के लिए 600 वाहनों को ड्यूटी पर लगाया गया है। दरअसल बारिश थमने के बाद बाढ़ का पानी लगातार नीचे उतर रहा है। ऐसे में कई क्षेत्रों में कीचड़, गाद आदि जमा है तो कई क्षेत्र ऐेसे भी हैं जहां नालियां जाम हो गई हैं। बड़े पैमाने पर पोलिथीन वेस्ट कई क्षेत्रों में बिखरा पड़ा है। ऐसे में सीवर का पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो गया है।
इस पानी में मच्छर और अन्य कीट पनप रहे हैं। मुख्यमंत्री जे. जयललिता द्वारा इस मामले में घोषणा की गई कि सरकार राज्य के वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में 2 हजार टन ब्लीचिंग पाउडर के साथ 1 करोड़ क्लोरीन की गोलियां वितरित करने की कार्रवाई भी की गई।
प्रयास किए जा रहे हैं कि लोगों को साफ पानी पीने के लिए उपलब्ध करवाया जा सके। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने लोगों को सुविधा दी है कि वे अपने बिजली बिल का भुगतान दिसंबर के स्थान पर 31 जनवरी तक कर सकते हैं। इसके लिए उनसे किसी तरह की पैनल्टी भी नहीं ली जाएगी।