मंगल के निवारण के कुछ उपाय
मंगल के निवारण के कुछ उपाय
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श्री मंगलदेव धन, संपत्ति, विवाह, संतानोत्पत्ति, समृद्धि, साहस के कारक देव। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार मंगल ग्रह को बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। इनकी प्रकृति लाल होती है और ये कुछ उग्र ग्रह होते हैं। इनकी स्वराशि मेष कहलाती है। जन्मकुंडली में यदि 4 थे, 12 वें 5 वें आदि स्थान में मंगल ग्रह आ आए तो कुंडली प्रभाव से मांगलिक होती है। मंगल का सौम्य और कड़क होने के अनुसार प्रभाव पड़ता है। यही नहीं भगवान श्री मंगलदेव को ज्योतिष में बड़ी मान्यता है। मंगल के प्रभाव से भूमि की प्राप्ति होती है। 

मांगलिक जातक को विवाह में देरी का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातकों को अपने लिए मांगलिक वर या वधू ही तलाशने पड़ते हैं जिससे इसके प्रभाव और परिणाम अच्छे होते हैं। यदि मंगल कुंडली में अशुभ हो तो मंगल दोष का निवारण पूजन द्वारा किया जाता है। कुछ और उपाय होते हैं जिनसे भगवान मंगल को शांत किया जाता है।

इसके लिए मध्यप्रदेश के उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर और अंगारेश्वर महादेव में भात पूजन किया जाता है। यही नहीं मंगल दोष का निवारण करने के लिए लाल वस्त्र का दान देना, कुमकुम पूजन और लाल पुष्प का पूजन व अभिषेक बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। मंगल दोष से निवारण के लिए तांबे का दान देना बुजुर्ग व्यक्ति को दान और भोजन देना भी बहुत उत्तम होता है। 

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