रिसेप्शनिस्ट के रूप में बनाये अपना करियर, छुए सफलता के शिखर को
रिसेप्शनिस्ट के रूप में बनाये अपना करियर, छुए सफलता के शिखर को
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आज के समय में सबसे बड़ी समस्या है एक अच्छी नौकरी पाना.इसके लिय सिर्फ अच्छी शिक्षा का होना ही जरुरी नहीं है. आपको एक कम्पलीट पैकेज बनना होगा क्यूंकि आज का युग मल्टी-मीडिया का है ऐसे में आपका मल्टी टैलेंटेड होना बहुत जरुरी है. रिसेप्शनिस्ट की जॉब के लिए अच्छी एजुकेशन के साथ आकर्षक पर्सनालिटी का होना भी बहुत जरुरी है. जो युवतियाँ या युवक रिसेप्शनिस्ट की नौकरी को अपना करियर बनाना चाहते हैं, उन्हें इस फील्ड में काफी अच्छे अवसर मिल सकते बस जरूर है कुछ ख़ास बातो का ध्यान रखने की.

किसी भी अच्छी कम्पनी,होटल और दफ्तर में फर्स्ट पर्सन होता है रिसेप्शनिस्ट जिससे हर किसी की मुलकात होती है. आपने यह तो सुना ही होगा की "फर्स्ट इम्प्रैशन इस लास्ट इम्प्रैशन".एक रिसेप्शनिस्ट की पर्सनालिटी से एक कंपनी का अंदाज़ लगाया जा सकता है. सामान्यतः युवतियों को ही एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में देखा जाता है लेकिन कही कही पुरुषों को भी रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करते देखा गया है. एक रिसेप्शनिस्ट को जिस भी संस्था में वह काम कर रहे है उसकी जानकारी होनी चाहिए. वहां कौन कौन काम करता है इन सभी बातो के जानकारी होनी चाहिए. रिसेप्शनिस्ट को वाक्पटु होना चाहिए साथ ही लेखन क्षमता व संचार का कौशल भी जरुरी है.

रिसेप्शनिस्ट का इम्प्रेससिव होना बहुत जरुरी है. रिसेप्शनिस्ट को अपने आप को वेल मैनेज्ड रखना चाहिए और उनका ड्रेसिंग सेंस भी उम्दा होना चाहिए. रिसेप्शनिस्ट के चेहरे पर हमेशा मुस्कान होनी चाहिए क्यूंकि मुस्कुराता हुआ चेहरा आगंतुकों को भी भाता है. यदि कोई सुन्दर चेहरा मुस्कुरा कर स्वागत करे तो सभी को प्रसन्नता होती है.

रिसेप्शनिस्ट के व्यवहार में मधुरता होना बहुत जरुरी है यदि कोई जानकारी लेने आये तो उसकी बात को ध्यानपूर्वक सुने और उसे सहज रूप से सारी जानकारी दे. रूखेपन से दिया गया जवाब आगंतुकों को भी चिड़ा देगा. इसलिए रिसेप्शनिस्ट को मधुभाषी होना जरुरी है. यह उसकी संस्था की छवि के लिए बहुत आवश्यक है.  

भारत एक ऐसा देश है जिसके बारे में कहा जाता है की "कोस कोस पर बदले पानी और चार कोस पर बदले वाणी" ऐसे में आपको एक भाषा का ज्ञान होना काफी नहीं है. रिसेप्शनिस्ट को कम से कम 4 भाषाओ का ज्ञान होना चाहिए. हिंदी व अंग्रेजी, एक अंतरराष्ट्रीय भाषा और जहां वह काम कर रहा है वह की क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान होना जरुरी है. यदि आपको बहुत सारी भाषाओ का ज्ञान है तो आगंतुकों से डील करने में मुश्किल नहीं होगी और मिलने वाली की तबियत भी एक दम खुश हो जायेगी. इन बातो को ध्यान में रख कर ही पाठ्यक्रम में हिंदी, अंग्रेजी के साथ क्षेत्रीय भाषा को भी शामिल किया गया है. यदि आप रिसेप्शनिस्ट के रूप में अपना करियर बनाना चाहते है तो इन सभी की प्रैक्टिस करना शुरू कर दो फिर देखिये आपको कितनी शानदार सफलता मिलती है.

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