महुआ मोइत्रा को फिर मिला सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस, दोबारा दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचीं TMC नेता
महुआ मोइत्रा को फिर मिला सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस, दोबारा दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचीं TMC नेता
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नई दिल्ली: निष्कासित TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने आज गुरुवार (18 जनवरी) को एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी बंगला खाली करने के संपदा निदेशालय के नोटिस के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्हें हाल ही में 16 जनवरी को बेदखली का आदेश मिला है। कथित तौर पर, उनका मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है। उनकी पिछली याचिका वापस ले ली गई और उन्हें संपदा अधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को महुआ को नई दिल्ली में सरकार द्वारा आवंटित आवास खाली करने का नया नोटिस मिला था। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत संपत्ति निदेशालय द्वारा मोइत्रा को दिया गया यह तीसरा नोटिस है, जिसमें उन्हें अपना आधिकारिक बंगला खाली करने के लिए कहा गया है और यह 'कैश-फॉर-क्वेरी' मामले' के संबंध में उन्हें लोकसभा से निष्कासित किए जाने के तुरंत बाद आया है। 8 दिसंबर को उन्हें एक मैहने की मोहलत देते हुए 7 जनवरी तक बंगला खाली करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसका पालन नहीं किया गया, तो शहरी विकास मंत्रालय ने 11 और 12 दिसंबर को उन्हें एक पत्र के जरिए इस आदेश की याद भी दिलाई गई, मगर TMC नेता महुआ मोइत्रा ने राष्ट्रीय राजधानी में उनके सरकारी आवास को रद्द करने वाले संपत्ति निदेशालय द्वारा जारी नोटिस को निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया था। लेकिन, वहां से भी महुआ को निराशा ही हाथ लगी थी, अब वे दूसरी बार सरकारी बंगला खाली करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची हैं। 

इससे पहले, मोइत्रा को 8 दिसंबर, 2023 को निचले सदन में पेश की गई 'कैश फॉर क्वेरी' में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। सदन के अंदर चर्चा के दौरान बोलने की इजाजत नहीं मिलने पर मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स कमेटी ने हर नियम तोड़ा है।  निष्कासित लोकसभा सांसद ने आरोप लगाया कि उन्हें आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है जिसका 'अस्तित्व ही नहीं है'। टीएमसी सांसद के 'अनैतिक आचरण' की जांच करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि मोइत्रा को लोकसभा से "निष्कासित किया जा सकता है" और केंद्र सरकार द्वारा "समयबद्ध तरीके" से "गहन, कानूनी, संस्थागत जांच" की मांग की गई थी। 

रिपोर्ट को पिछले महीने पैनल में 6:4 के बहुमत से अपनाया गया था। आरोप था कि, महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय लॉगिन ID और पासवर्ड अपने एक उद्योगपति मित्र दर्शन हीरानंदानी को दिए थे, जिसे TMC नेता ने खुद कबूल भी किया था। हालांकि, महुआ ने इससे इंकार किया था कि उन्होंने इसके एवज में हीरानंदानी से कोई कैश या महंगे गिफ्ट लिए थे। जबकि हीरानंदानी ने दावा किया था कि, उन्होंने महुआ को कई महंगे गिफ्ट और अन्य चीज़ें दी थीं। 

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