मध्यप्रदेश चुनाव 2018 : आरक्षण से लेकर घोटालों तक, यह मुद्दे बन सकते है बीजेपी की राह में बाधा
मध्यप्रदेश चुनाव 2018 : आरक्षण से लेकर घोटालों तक, यह मुद्दे बन सकते है बीजेपी की राह में बाधा
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भोपाल. देश के अधिकतर राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है और कुछ दिनों पहले ही चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनावों की तारीखे भी घोषित कर दी है. इनमे से एक राज्य मध्यप्रदेश भी है जहाँ मतदान 28 नवंबर को होंगे. इन चुनावों को लेकर तमाम राजनैतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. राज्य में तक़रीबन पिछले 15 सालों से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कई राजनैतिक विश्लेषक भी इस बात को लेकर दावे कर रहे है कि इस बार भी राज्य में बीजेपी की ही सरकार बनेगी लेकिन इस बार बीजेपी के लिए जीत इतनी आसान नहीं होगी. इस बार के चुनाव में ऐसे कई मुद्दे है जो बीजेपी के इस सपने पर पानी फेर सकते है. आएये ऐसी ही कुछ मुद्दों पर नजर डालते है. 


व्यापम घोटाला :-


साल 2013 में सामने आया व्यापम घोटाला मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पुरे देश का अब तक का सबसे बड़ा शिक्षा घोटाला है. यह घोटाला मध्यप्रदेश में विभिन्न सरकारी नौकरियों और कई शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश से जुड़ी कई परीक्षाओं को आयोजित करवाने वाले व्यापम बोर्ड से जुड़ा है. इस घोटाले में व्यापम बोर्ड द्वारा कराई जाने वाली तक़रीबन एक दर्जन परीक्षाओं में  धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था. इस घोटाले में कई छात्रों से बड़ी रकम लेकर उन्हें मेडिकल कॉलेजों की सीटें बेचीं गई थी. इस घोटाले के बाद राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज पर भी कई तरह के आरोप लगे थे और यह घोटाला आगामी चुनावों में उनके वोट बेहद काम कर सकता है.


डम्पर घोटाला :-

व्यापम घोटाले के अलावा शिवराज सिंह चौहान पर एक और बड़े घोटाले के आरोप लगे थे और यह घोटाला था साल 2007 में सामने आया था. इस घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनकी पत्नी साधना सिंह पर आरोप लगे थे कि उन्होंने कथित तौर पर तक़रीबन 2 करोड़ रुपये की लागत से चार डम्पर खरीदे थे जिसे गलत तरीके से सीमेंट कारखाने में पट्टे पर दे दिया था. इसके साथ ही उनपर इस मामले में टैक्स चुराने के भी आरोप लगे थे. हालाँकि बाद में हाई कोर्ट ने इस मामले में उन्हें क्लीन चीट दे दी थी.

 

किसानों की नाराजगी-


भाजपा सरकार भले ही अपने आप को किसानो के प्रति समर्पित बताती है लेकिन जमीनी स्तर पर कई किसानों में उन्हें लेकर भरी आक्रोश देखा जा रहा है. इसके साथ ही राज्य में पिछले कुछ सालों में कई किसानों ने कर्ज या गरीबी जैसे कई अन्य मुद्दों से तंग आ कर आत्महत्या कर ली थी. इन मामलों के बाद से ही कई किसानों में सरकार के खिलाग आक्रोश देखा जा रहा है.

 

आरक्षण की आग 


बीजेपी सरकार शुरू से ही SC/ST आरक्षण का समर्थन करती आई है और सरकार ने कुछ समय पहले ही SC/ST एक्ट में संसोधन कर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के तत्काल गिरफ्तारी वाले नियम पर रोक लगाने के फैसले को पलट दिया था इसके बाद से ही राज्य समेत देश भर के स्वर्ण समाज में बीजेपी सरकार को लेकर भारी आक्रोश है और यह आक्रोश आगामी चुनावों में बीजेपी को भरी पढ़ सकता है. 

 

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