क्लीनिकल साइकोलॉजी में एमफिल की सुविधा अब आरएमएल में भी होगी. आरएमएल के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीटय़ूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएएमआर) में नए सत्र से इसकी पढ़ाई शुरू हो जाएगी. लगातार बढ़ते तनाव के मामलों के बीच इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. फिलहाल शहर में इहबास में ही एमफिल की सुविधा है. मनोविज्ञान में एमए करने के बाद सुपर स्पेशियलिटी पैरामेडिकल कोर्स के बतौर क्लीनिकल साइकोलॉजी की पढ़ाई की जा सकेगी. आरएमएल में मनोरोग विभाग की अध्यक्ष डॉंक्टर स्मिता एन देशपांडे ने बताया कि देशभर में 4500 के करीब ही मनोरोग चिकित्सक हैं.
हर चिकित्सक के साथ एक से दो क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइक्याट्रिक सोशल वर्कर होने चाहिए. रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया की मंजूरी के बाद नए सत्र से आठ सीटें एमफिल के लिए मिल गई हैं. एमफिल के बाद क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट काउंसलिंग, एप्टीटय़ूड टेस्टिंग के क्षेत्र में भी रोजगार पा सकते हैं. यह दुष्कर्म पीडित महिलाओं व बच्चों की काउंसलिंग के अलावा, अवसाद से घिरे और आत्महत्या का प्रयास कर चुके लोगों की काउंसलिंग करते हैं।