'जंग का मैदान' बना लखनऊ नगर निगम का सदन, नगरायुक्त बोले- ‘आइल किल यू’
'जंग का मैदान' बना लखनऊ नगर निगम का सदन, नगरायुक्त बोले- ‘आइल किल यू’
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लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ नगर निगम के सदन में जंग छिड़ गई है। यहां भारतीय जनता पार्टी के एक पार्षद ने नगरायुक्त पर भ्रष्टाचार का इल्जाम लगाया है। वहीं नगरायुक्त ने गुस्से में आकर पार्षद को जान से मारने की धमकी दी है। नगरायुक्त ने पार्षद को कहा कि ‘आइल किल यू’। यह बोलते ही पूरा सदन कुरुक्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। घटना बुधवार दोपहर की है। खबर के अनुसार, बुधवार को नगर निगम में सदन की विशेष बैठक बुलाई गई थी। बैठक आरम्भ होते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर आरम्भ हो गया। देखते ही देखते पार्षद एवं नगरायुक्त आमने सामने आ गए। हालात यहां तक आ गए कि दोनों पक्षों की तरफ से अपशब्द बोले जाने लगे तथा धमकियां दी जाने लगीं।

इसके चलते सरोजनी नगर द्वितीय वार्ड से भाजपा पार्षद राम नरेश रावत ने नगरायुक्त पर भ्रष्टाचार का इल्जाम लगा दिया। नगरायुक्त भी व्यक्तिगत टिप्पणी से इतने आहत हुए कि आपा खो बैठे। सदन की बैठक के बीच ही उन्होंने पार्षद को जान से मारने की धमकी दी। वहीं हंगामा बढ़ा तो वह बैठक छोड़ कर चले गए। तत्पश्चात, मेयर एवं पार्षद में बहस होने लगी। इतने में पार्षद और कार्यकारिणी उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता आपस में लड़ने लगे। स्थिति बिगड़ते देख बाकी पार्षदों ने मामले में हस्तक्षेप किया तथा राम नरेश रावत को बड़ी मुश्किल से घसीटकर बाहर ले गए। फिर मौके पर पुलिस भी पहुंची और पार्षद को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। मामला शांत होने के पश्चात् मेयर एवं नगरायुक्त दोबारा सदन में आए। सदन आरम्भ करते हुए नगरायुक्त ने फिर कहा कि कोई भी गलत आरोप लगाएगा तो वह किसी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। 

उन्होंने कहा कि यहां सभी लोग शहर के लिए काम कर रहे हैं। अफसर-कर्मचारी दिन-रात व्यवस्था सुधारने में लगे हैं। ऐसे में इस प्रकार के इल्जाम मनोबल को गिराने वाले हैं। उधर, भाजपा के कई पार्षद राम नरेश को समझाने पहुंचे तथा सदन से बाहर जाने के लिए बोलने लगे। इस बात पर उनकी भी राम नरेश रावत के साथ झड़प हुई। ऐसे हालात में एक बार तो ऐसे भी हालात बने कि भाजपा के ही पार्षद उन्हें मारने दौड़ पड़े। दूसरी तरफ, नगरायुक्त के साथ अभद्रता पर नगर निगम मुख्यालय के अफसरों एवं कर्मचारियों ने भी लामबंदी कर ली है। उप लेखा अधिकारी एपी तिवारी ने सदन में कहा कि इस प्रकार के गलत इल्जाम बर्दाश नहीं किए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अपराधी पार्षद को बाहर नहीं किया गया तो कार्य बहिष्कार होगा। मामला उस वक़्त और बढ़ गया, जब पार्षद राम नरेश रावत ने नगर निगम मुख्यालय की छत से छलांग लगाने की धमकी दे डाली। उन्होंने कहा कि मेरी मौत का जिम्मेदार सीधे तौर पर नगरायुक्त और मेयर होंगी। कहा कि उन्होंने कोई व्यक्तिगत्त आरोप नहीं लगाए हैं।

मालवीय नगर वॉर्ड से कांग्रेस पार्षद ममता चौधरी ने भी पार्षद रावत का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कूड़ा निस्तारण के लिए अनुबंधित चेन्नई MSW पर वर्ष 2012 में चेन्नई में 2 करोड़ रुपये जुर्माना लगा था। वर्ल्ड बैंक ने 2021 में कंपनी को फ्रॉड घोषित किया था। आयकर विभाग ने भी 1200 करोड़ रुपये का टैक्स घपला पकड़ा। इस पर कंपनी के CEO मसूद मलिक ने बताया कि कंपनी को केवल 2012 में नोटिस प्राप्त हुआ था। रिव्यू के पश्चात् वर्ल्ड बैंक ने मामला वापस ले लिया था। टैक्स वाला मामला कंपनी का नहीं शेयर होल्डर का था। नगर आयुक्त ने बताया कि चेन्नई MSW कंपनी के काम का रिव्यू करने के लिए न्यूनतम 3 महीने तथा अधिकतम 6 माह का समय दिया गया है। कंपनी डोर टू डोर कूड़ा उठान 6 मार्च से आरम्भ करेगी।

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