यहाँ भगवान गणेश ने मोर पर सवार होकर किया था सिंधुरासुर राक्षस का वध
यहाँ भगवान गणेश ने मोर पर सवार होकर किया था सिंधुरासुर राक्षस का वध
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पौराणिक कथा के अनुसार मयूरेश्वर के मंदिर में भगवान गणेश द्वारा सिंधुरासुर नामक एक राक्षस का वध किया गया था। गणेशजी ने मोर पर सवार होकर सिंधुरासुर से युद्ध किया था। इसी कारण यहां स्थित गणेशजी को मयूरेश्वर कहा जाता है। 
  
मंदिर निर्माण : मयूरेश्वर मंदिर के द्वार पर एक बहुत बड़ी नंदी बैल की मूर्ति स्.थापित है जिसका मुंह भगवान की मूर्ति की तरफ है । यह नंदी भगवान शिव मंदिर ले जाया जा रहा था विश्राम के लिए उसे गणेश मंदिर पर रखा गया तो बाद में उसने वहां से जाने से मना कर दिया तब से आज नंदी और मूसा दोनों गणेश मंदिर के मुख्य द्वार के सरंक्षक माने जाते हैं । इस मंदिर में गणपति जी बैठी मुद्रा में विराजमान है तथा उनकी टंक बाई ओर की तरफ तथा चार भुजाएं एवं तीन नेत्र स्पष्ट प्रदर्शित हैं । गणेश मूर्ति के सामने गणेश के वराह मूसा एवं मोर हैं तथा गर्भगृह के बाहर नगना, भैरव हैं । 

मंदिर का स्थान : मंदिर के चार द्वार चार युगों की याद दिलाते हैं ।1. पूर्वी द्वार सतयुग पर राम और सीता की छवि जो कि धर्म, कर्तव्य के प्रतीक के रूप में, 2. दक्षिणी द्वार त्रेतायुग पर शिव और पार्वती जो कि धन और प्रसिद्धि के प्रतीक के रूप में 3. पश्चिमी गेट द्वारपर युग  पर कामदेव और रति जो कि इच्छा, प्रयार और कामुक खुशी के प्रतीक के रूप में और 4. उत्तरी द्वार कलयुग पर वराह और देवी माही जो कि मोक्ष और शनि ब्रहम का प्रतीत मानी जाती हैं । मयूरेश्वर मंदिर में मुस्लिम वास्तुकला का प्रभाव दिखता है क्योंकि इसके निर्माण और संरक्षक के रूप में एक मुस्लिम मुखिसा उस समय था । मंदिर के चारों कोने मीनारों के के साथ एक लंबे पत्थर चारदिवारी से घिरे हैं ।

धार्मिक विधी : श्री. मयूरेश्वर की मूर्ति के पास केवल मुख्य पुजारी को प्रवेश की अनुमति है । जिसमें गर्भगृह, गर्भगृह में है देवता विराजमान तीन आंखों , और अपने टंªक बांई ओर कर दिया है । आंखें और देवता की नाभि कीमती हीरों से जड़ी हुई है । सिर पर नागराज की नुकीले देखी जा सकती हैं । गणेश मूर्ति सिद्धि और बुद्धि की पीतल की मूर्तियों से घिरे हुए है । मूर्ति पर 100-150 साल तक सतत अभिषेक एवं सिंदूर  से वास्तवित मूर्ति से यह बहुत बड़ी दिखने लगी है । तीन बार सुबह 7 बजे, दोपहर 12 बजे और रात्रि 8 बजे पूजा की जाती है

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