हिन्दू स्त्रियां पायल क्यों पहनती है ?
हिन्दू स्त्रियां पायल क्यों पहनती है ?
Share:

भारतीय शृंगार परंपरा में आभूषणों का एक विशिष्ट स्थान है, और इनके वरीयता का अनुक्रम भी अलग अलग है| वैदिककाल से ही स्त्रियों के शृंगार में पायल का विशेष स्थान रहा है। घुँघरूओं से सजी छम-छम करती ख़ूबसूरत पायलें हमेशा से ही स्त्री के पैरों की शोभा रही हैं। यहाँ तक कि कवियों ने भी पायलों की रुन-झुन व उसकी छम-छम के ऊपर अनेक कविताएँ रच डालीं। पर क्या आप जानते है पायल पहनने के शास्त्रीय कारण | 

आखिर पैर में चांदी की पायल ही क्यों पहनते है,आइये जाने इन रोचक कारणों को -
 
1. आयुर्वेद के अनुसार सोने की तासीर गरम होती है ,और चांदी की शीतल | मनुष्य के शरीर में तापमान संतुलित रखने के लिये सर को ठंडा और पैरों को गरम रखा जाता है, ऊर्जा के चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव जब रक्त के दौरे के साथ प्रवाह में रहता है, तो पैरों में पहनी चांदी की शीतलता सर में एवम सर गले और हाथ में पहनी सोने के आभूषणों की गर्मी कमर और पैरो में जाकर शरीर का तापमान सामान्य एवम नियंत्रित हो जाता है |

2. प्राचीन काल में महिलाओं को पायल एक विशेष संकेत के लिए पहनाई जाती थी। उस समय संयुक्त परिवार होते थे और घर में उठने बैठने के स्त्री -पुरुष की अलग मर्यादाएं होती थी, तब यदि पायल की छम-छम की आवाज आती थी, तो सभी को अंदाजा हो जाता कि कोई महिला उस ओर आ रही है ,और सब शालीन एवम मर्यादित हो जाते थे |

3. पैरो में चांदी की पायल जब काम करते वक़्त धीरे-धीरे रगड़ाती है तो, स्त्रियों की पैरों की हड्डी को मज़बूती मिलती है। साथ ही पायल पहनने से स्त्रियों का आकर्षण कहीं अधिक बढ़ जाता है।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -