फसलों को खत्म करने के लिए 10 लाख टिड्डियों ने मचाया कोहराम
फसलों को खत्म करने के लिए 10 लाख टिड्डियों ने मचाया कोहराम
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बीते माह फरवरी में पाकिस्तान को इमरजेंसी जैसे हालात में पहुंचा देने वाले वहां के टिड्डी दल ने राजस्थान, पंजाब व गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में भी किसानों के साथ-साथ आम लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है. ये फसलों को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं साथ ही रिहायशी इलाकों में लोगों की मुसीबत का सबब भी बन गए हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के साथ ही, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और छत्तीसगढ़ की सरकारें इनसे निपटने के लिए सक्रिय हो गई हैं. निगरानी समितियां बनाने के साथ ही कीटनाशक का छिड़काव कराया जा रहा है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उत्तर प्रदेश में सीएमओ की अध्यक्षता में निगरानी कमेटियों का गठन किया है. कृषि विभाग को नोडल विभाग बनाने के साथ ही उद्यान एवं वन विभाग के साथ राजस्व विभाग की मदद लेने के आदेश जारी किए गए हैं. उधर, मंगलवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर के गांव पनोठा में पहुंचकर टिड्डियों के दल ने तबाही मचानी शुरू कर दी है. शाम छह बजे उनके पहुंचने के साथ ही उत्तर प्रदेश के ललितपुर और महोबा से पहुंची टीम ने आवाज और कीटनाशक के माध्यम से टिड्डी दल को वहीं पर रोक रखा है.

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इसके अलावा देश में करीब 10 लाख की संख्या में आए टिड्डियों के दल दो भाग में बंटने से अधिकारियों ने राहत की सांस ली है. यूपी के कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि पाकिस्तानी टिड्डियों के दल में पांच से 10 लाख टिड्डियां होती हैं, जो एक रात में करोड़ों की फसल को तबाह कर देती हैं. ऐसे में लखनऊ से पानी के टैंकर वाले ट्रैक्टर की मांग की गई है. लखनऊ से आने से पहले कानपुर देहात, उन्नाव व रायबरेली में दस्ते का गठन कर इन्हें रोकने की पूरी तैयारी कर ली गई है. वही,अभी बागों में आम लगे हुए हैं और खेतों में कद्दू, खीरा, खरबूजा, तरबूज, लौकी, करेला व पान की फसल है, जिसे टिड्डी दल नुकसान पहुंच सकते हैं. कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि ये हरी पत्तियां व फल पर आक्रमण करते हैं. जिस बाग या खेत में टिड्डियां बैठेंगी, वहां हरियाली पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी. ये हवा के रुख के साथ चलती हैं. बारिश में मादा अंडे नहीं दे पाती और धीरे-धीरे से नष्ट हो जाती हैं.

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