Apr 01 2016 07:35 PM
आपके साथ ऐसा बचपन में तो बहुत हुआ होगा कि आपने अपने पॉकेट के अंदर बॉल पेन को रखा होगा और बाद में देखा होगा कि पेन की स्याही बहकर आपके पॉकेट में लग गई. हम सबके साथ ऐसा कई बार हुआ है, लेकिन हमें इसकी वजह नहीं मालूम होती हैं. जानिए ऐसा क्यों होता है...
ऐसा कलम के शरीर से चिपके होने के कारण होता है. शरीर की गर्मी के कारण कलम की स्याही गर्म हो जाती है और वह तरल होकर पेक के प्वाइंट से निकलने लगती है. वहीं, ट्यूब के दूसरे छोर पर एक छोटे सा तेल प्लग भी होता है, वह भी गरम होकर तरल होने लगता है.
असंजक बल (चिपकने वाला बल) जो तरल स्याही को उसके दीवार से चिपकाए हुए रहती है वो भी घटने लगता है. यही वजह है कि स्याही बाहर आने लगती है. इसके अलावा केशिका क्रिया भी प्रभाव में आ जाती है. दरअसल केशिका क्रिया एक ऐसी चीज है जो किसी तरल पदार्थ को गुरुत्वाकर्षण की बाहरी ताकतों के विरोध में / की सहायता के बिना संकीर्ण क्षेत्र में बहने में मदद करती है. और हां, दाग अच्छे हो सकते हैं लेकिन स्याही के दाग अच्छे नहीं होते क्योंकि यह आसानी से जाते नहीं हैं.
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