रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सजायाफ्ता RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को अभी जमानत के लिए प्रतीक्षा करना पड़ेगा। शुक्रवार को हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में लालू प्रसाद की तरफ से दायर जमानत याचिका पर हुई सुनवाई के चलते CBI ने कोर्ट से काउंटर एफिडेविट दायर करने के लिए वक़्त दिये जाने की अपील की। जिसे कोर्ट ने कबूलते हुए मामले में सुनवाई की अगली दिनांक 22 अप्रैल तय की है।
वही लालू प्रसाद यादव की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को यह खबर दी कि लालू प्रसाद ने सजा की आधी अवधि से 11 महीने से अधिक समय जेल में गुजारा है, इसलिए जमानत दी जाए। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात् कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली दिनांक 22 अप्रैल तय की है। लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर 1 अप्रैल को ही इस याचिका पर सुनवाई होने वाली थी, मगर उस दिन न्यायाधीश के नहीं बैठने से सुनवाई टल गयी थी।
वही चारा घोटाले से जुड़े मामले में हाई कोर्ट में हर शुक्रवार को ही सुनवाई होती है, इस वजह से अब आज लालू प्रसाद के मामले में सुनवाई हुई। इससे पहले बीती सुनवाई के चलते कोर्ट ने इस मामले में CBI अदालत से रिकार्ड (एलसीआर) मंगाने का निर्देश दिया था। जिसके चारा घोटाला के लगभग 65 ट्रक दस्तावेज उच्च न्यायालय पहुंचाया गया है। गौरतलब है कि 21 फरवरी को लालू यादव को CBI की स्पेशल कोर्ट ने 5 वर्ष की सजा सुनायी थी। वहीं, 60 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था।
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