27 नवंबर से प्रभावी होगा लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक में विलय
27 नवंबर से प्रभावी होगा लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक में विलय
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बैंक कर्मचारी संघ एआईबीईए ने कहा है कि 94 वर्षीय लक्ष्मी विलास बैंक की विफलता में आरबीआई की दोषी पर गौर करने की जरूरत है और डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) के साथ ऋणदाता के प्रस्तावित विलय से भारतीय बाजार में एक विदेशी बैंकिंग इकाई के लिए बैक-डोर प्रवेश मिलेगा।

ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा कि सिंगापुर स्थित बैंक की भारतीय सहायक कंपनी के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के समामेलन का दृष्टिकोण सरकार द्वारा घोषित अतमानी भारत की नीति के विपरीत है।

एसोसिएशन ने कहा, 94 वर्षीय लक्ष्मी विलास बैंक 90 साल से मुनाफे में था और पिछले तीन साल से ही बैंक घाटे में चल रहा है। और यह सर्वविदित है कि ये नुकसान कुछ प्रसिद्ध अपराधी उधारकर्ताओं को दिए गए कुछ भारी ऋण के कारण हैं। पत्र में कहा गया है कि इन कर्जों की नकारात्मक साख को जानते हुए इन ऋणों को क्यों दिया गया, आरबीआई ने बैंक को इन ऋणों को देने में समझदारी बरतने की सलाह क्यों नहीं दी, आरबीआई ने उस बैंक के दोषी शीर्ष अधिकारियों पर समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की। लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीआईएल में विलय 27 नवंबर से प्रभावी होगा और बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

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