रायपुर: राज्य के निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में सुविधाओं की कमी के चलते प्रदेश के विद्यार्थी या तो इंजीनियरिंग से मुंह फेर रहे है, या महानगरों की तरफ रुख कर रहे है. प्रदेश में पहले चरण की काउंसिलिंग के बाद इंजीनियरिंग की केवल 2800 सीटें भर पाई हैं.
जबकि प्रदेश भर में 43 इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगभग 15 हजार सीटें हैं. गौरतलब है की इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्तरीय लैब व क्लास रूम नहीं होने से यह हालात है. हालाँकि फ़िलहाल दो चरणों की काउंसिलिंग बाकी है, लेकिन स्थिति को देखते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग को आधी सीटें भी नहीं भरने की आशंका सता रही है.
इंजीनियरिंग में दाखिले की अंतिम तिथि 15 अगस्त है। सीटें नहीं भरने पर पहले आओ पहले पाओ आधार पर विद्यार्थियों को एडमिशन दिया जाएगा. यह प्रक्रिया अंतिम चरण में अपनाई जाएगी, जब आवंटन का तीसरा चरण समाप्त हो जाएगा.