कुछ चीजों को खोने का मजा कुछ और है।
खुली आँखो से सपने देखने का मजा कुछ और है।
अल्फाज बनी गजल, गजल बनें आसु, और
उन आसुओ में तेरी तस्वीर होने का मजा कुछ और है।
न जाने उसकी आँखे क्या कह रही थी।
थोड़ी नजाकत थोड़ी शरमाई हुई थी।
हमने तो देखा उसकी आँखो में ,
जो सच्चे प्यार की तलाश कर रही थी।