जन्मदिन विशेष : जब करिअप्पा ने सिखाया पाक राष्ट्रपति को देशभक्ति का पाठ
जन्मदिन विशेष : जब करिअप्पा ने सिखाया पाक राष्ट्रपति को देशभक्ति का पाठ
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यूं तो सेना में देशभक्ति की कई कहानियां प्रचलित हैं। भारतीय सेना के रणबांकुरे रण क्षेत्र में कौशल दिखाते हैं तो दूसरी ओर शांति काल में देश की मदद करते हैं। ऐसी ही दास्तान है देश के पहले कमांडर इन चीफ फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा की। आज ही के दिन उनका जन्म हुआ था। दरअसल 1965 के युद्ध में करिअप्पा के पुत्र नंदा करिअप्पा भारतीय वायुसेना की ओर से लड़ते हुए पाकिस्तान के कब्जे में युद्ध बंदी हो गए थे। दरअसल फ्लाईट लेफ्टिनेंट ने युद्ध में भागीदारी की थी और उनका विमान पाकिस्तान के हमले से प्रभावित हो गया था।

विमान से कूदने पर नंदा को युद्ध बंदी बना लिया गया। पाकिस्तान ने रेडियो से घोषणा की कि लेफ्टिनेंअ नंदा को पाकिस्तान ने कैद कर लिया है मगर वे सुरक्षित हैं। तब पूर्व सेना प्रमुख जनरल अयूब खान पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे। देश के बंटवारे से पहले अयूब खान केसी करिअप्पा के अधीन सेवाएं दे चुके थे। जब सेना प्रमुख जनरल अयूब खान को केसी करिअप्पा के पुत्र के जेल में होने की बात पता चली तो उन्होंने सेवानिवृत्त हो चुके करिअप्पा से फोन पर चर्चा की। 

जब अयूब खान ने करिअप्पा से चर्चा की तो करिअप्पा ने कहा कि अब वह एक युद्धबंदी है। उसके साथ अन्य युद्ध बंदियों के जैसा व्यवहार किया जाए। यही नहीं यदि उसे रिहा करना ही है तो अन्य युद्धबंदियों को भी रिहा किया जाए नहीं तो उसे भी रिहा न किया जाए। बहरहाल, युद्ध समाप्त होने के बाद नंदा को रिहा कर दिया गया था। 

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