आप सभी यह जानते ही होंगे कि शैव संस्कृति में वर्णित कथा के अनुसार शिव भगवान जहां से भी गुजरे वहाँ उनके पैरों के नीचे आने वाले सभी पत्थर और कंकड़, जिन पर उनकी कृपा हुई वे विकसित होने लगे और उनके विकास में एक पूरा युग लगा जो कि बाद में शालिग्राम कहलाए.शालिग्राम को घर में रखने के लिए बहुत जरूरी है कि आप रोज़ाना उसकी बिना किसी भूल के एक समान पूजा-अर्चना करे नहीं तो शालिग्राम भगवान रुष्ट हो जाते हैं जिससे उनमें नकारात्मक ऊर्जा का वास् होने लगता है .
वैसे तो हर तरह के शालिग्राम का पाया जाना ही दुर्लभ है, फिर भी इनमे काले और भूरे शालिग्राम के अलावा सफेद, नीले और ज्योतियुक्त शालिग्राम का पाया जाना तो और भी दुर्लभ है. पूर्ण शालिग्राम में भगवान विष्णु के चक्र की आकृति अंकित होती है।
आपको बता दें कि जिस घर में शालिग्राम का पूजन होता है उस घर में लक्ष्मी का सदैव वास रहता है. शालिग्राम सात्विकता का प्रतीक हैं और इसकी पूजा करने से अगले-पिछले सभी जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं.
यदि आप घर में शालिग्राम रखना चाहते हैं तो आपको अपने घर में एक खास तरह का पवित्र माहौल बनाना होगा - किसी मंदिर जैसा पवित्र. शालिग्राम को घर में रखने से पहले कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए
1 घर में सिर्फ एक ही शालिग्राम की पूजा करनी चाहिए.
2 शालिग्राम पर चंदन लगाकर उसके ऊपर तुलसी का एक पत्ता अवश्य रखना चाहिए .
3 प्रतिदिन शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए .
4 शालिग्राम के पूजन में आचार-विचार की शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए .
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