जानिए आखिर क्यों मकर संक्रांति पर उड़ाई जाती है पतंग?
जानिए आखिर क्यों मकर संक्रांति पर उड़ाई जाती है पतंग?
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नए वर्ष में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी सोमवार को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय के समय स्नान करें तथा उसके पश्चात् सूर्य देव को जल अर्पित करें. सूर्य देव को जल में लाल पुष्प, लाल चंदन एवं गुड़ डालकर अर्घ्य देना चाहिए. इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. मकर संक्रांति का पर्व ग्रहों के राजा सूर्य देव की पूजा के लिए है. उस दिन से खरमास का समापन होता है. साल 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024, सोमवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव प्रातः 02 बजकर 54 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। 

मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग?
तमिल की तन्दनान रामायण में इस प्रश्न का जवाब मिलता है. इस ग्रंथ के मुताबिक, मकर संक्रांति के अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पतंग उड़ाई थी तथा वह पतंग उड़कर इंद्रलोक में चली गई थी. तभी से इस त्योहार के मौके पर पतंग उड़ाने की परंपरा है. इस प्रसंग का वर्णन गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस के बालकांड में भी प्राप्त होता है. एक संस्कृत श्लोक भी इस सिलसिले में है.

क्यों किया जाता है दान?
वही इस दिन स्नान के बाद दान करने से लाभ की मान्यता रही है. कहा जाता हैं कि इस त्योहार पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर फिर मिलता है. सबसे महत्वपूर्ण यह कि इस दिन शुद्ध घी और कंबल के दान को मोक्ष की वजह कहा जाता है. आम तौर से खिचड़ी दान की जाती है.

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