जानिए क्या है गायत्री मंत्र का अर्थ
जानिए क्या है गायत्री मंत्र का अर्थ
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मंत्रों की शक्ति से सभी भलीभांति परिचित हैं. मनचाही वस्तु प्राप्ति और इच्छा पूर्ति के लिए मंत्र जप से अधिक अच्छा साधन कोई और नहीं है. सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र सबसे दिव्य और चमत्कारी है. इस जप से बहुत जल्द परिणाम प्राप्त हो जाते हैं. 

शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र को वेदों को सर्वश्रेष्ठ मंत्र बताया गया है. इस मंत्र जप के लिए तीन समय बताए गए हैं. इन तीन समय को संध्याकाल भी कहा जाता हैं. गायत्री मंत्र का जप का पहला समय है प्रात:काल, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जप शुरू किया जाना चाहिए. जप सूर्योदय के पश्चात तक करना चाहिए.

गायत्री मंत्र-

ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि. धियो यो न: प्रचोदयात्..

गायत्री मंत्र का अर्थ: सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते है, वह परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें.शास्त्रों में इसके जाप की विधि विस्तृत रूप से दी गई हैं. इस मंत्र को जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ होता है.

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