जानिए क्या है गायत्री मन्त्र की महानता
जानिए क्या है गायत्री मन्त्र की महानता
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मां गायत्री को चारों वेदों का आधार माना जाता है. इसलिए समस्त वेदों का सार भी गायत्री मंत्र को माना गया है. हमारे शास्त्रों के अनुसार सारा ज्ञान मां गायत्री में ही छुपा हुआ हैं. हमारे चारों वेदों की उत्पत्ति और शास्त्र ,श्रुतियां सभी मां गायत्री से ही हुई हैं. माँ गायत्री ने वेदों की उत्पति की है इसलिए इनको वेदमाता कहा जाता है. माँ गायत्री की आराधना ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी करते है.इसलिए इन्हें देवमाता भी कहा जाता है.गायत्री मंत्र को सबसे महान मंत्र की उपाधि मिली है. कहते है की अगर पापो से मुक्ति पानी है तो नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.
 
शास्त्रों के अनुसार मां गायत्री को भगवान ब्रह्मा की दूसरी पत्नी है. कहते है की एक बार जब ब्रह्माजी किसी यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे. तब उनके साथ उनकी पत्नी नहीं थी, इसलिए लोगो ने उन्हें यज्ञ में बैठने से मना कर दिया तब उन्होंने देवी गायत्री से विवाह कर लिया. मां गायत्री की ही कृपा से ब्रह्मा जी ने गायत्री मंत्र रचना की. शुरुआत में गायत्री मंत्र का जाप सिर्फ देवता ही करते थे. पर ऋषि विश्वामित्र ने कठोर तप करके इस मंत्र को सर्वसाधारण तक पहुंचाया. 

गायत्री मंत्र जाप हमेशा सुबह के समय करना चाहिए. अगर आप सुबह इस मंत्र का जाप ना कर पाए तो आप शाम को भी इसका जाप कर सकते है.इस मंत्र का जाप करने से पहले स्नान करना चाहिए. और मन और आचरण पवित्र रखना चाहिए.

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