तंत्र शास्त्र के अनुसार दक्षिणावर्ती शंख को विधि-विधान पूर्वक जल में रखने से कई प्रकार की बाधाएं शांत हो जाती है और धन की भी कभी कमी नहीं होती. दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है.
इसका शुद्धिकरण इस प्रकार करना चाहिए-लाल कपड़े के ऊपर दक्षिणावर्ती शंख को रखकर इसमें गंगाजल भरें और कुश के आसन पर बैठकर इस मंत्र का जप करें-ऊँ श्री लक्ष्मी सहोरदया नम:इस मंत्र की कम से कम 5 माला जप करें और इसके बाद शंख को पूजा स्थान पर स्थापित कर दें. दक्षिणावर्ती शंख जहां भी रहता है, वहां धन की कोई कमी नहीं रहती.
1-दक्षिणावर्ती शंख को अन्न भण्डार में रखने से अन्न, धन भण्डार में रखने से धन, वस्त्र भण्डार में रखने से वस्त्र की कभी कमी नहीं होती.
शयन कक्ष में इसे रखने से शांति का अनुभव होता है.
2-इसमें शुद्ध जल भरकर, व्यक्ति, वस्तु, स्थान पर छिड़कने से दुर्भाग्य, अभिशाप, तंत्र-मंत्र आदि का प्रभाव समाप्त हो जाता है.- किसी भी प्रकार के टोने-टोटके इस शंख के आगे निष्फल हो जाते हैं.
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