आज हम आपको लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर के बारे में बताएँगे जो की शिवरीनारायण से 3 किलोमीटर और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 120 किलोमीटर दूर खरौद नगर में स्तिथ है. कहते है की भगवन राम ने यहाँ पर खर व दूषण का वध किया था.
लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग है जिसके बारे में मान्यता है की इसकी स्थापना स्वयं लक्ष्मण ने की थी. इस शिवलिंग में एक लाख छिद्र है इसलिए इसे लक्षलिंग कहा जाता है. इन लाख छिद्रों में से एक छिद्र ऐसा है जो की पातालगामी है क्योकि उसमे कितना भी जल डालो वो सब उसमे समा जाता है जबकि एक छिद्र अक्षय कुण्ड है क्योकि उसमे जल हमेशा भरा ही रहता है. लक्षलिंग पर चढ़ाया जल मंदिर के पीछे स्थित कुण्ड में चले जाने की भी मान्यता है, क्योंकि कुण्ड कभी सूखता नहीं. लक्षलिंग जमीन से करीब 30 फीट उपर है और इसे स्वयंभू लिंग भी माना जाता है.
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