ये है धरती के इकलौते ख़ुश इंसान, आख़िरी बार 1991 में हुए थे दुःखी
ये है धरती के इकलौते ख़ुश इंसान, आख़िरी बार 1991 में हुए थे दुःखी
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दुनिया के साथ अजूबे के बारे में तो आपने सुना होगा लेकिन एक ऐसे इंसान के बारे में आपने शायद सुना होगा जो दुनिया का सबसे ख़ुश इंसान का दर्ज़ा पा चुके हैं। यूँ तो इंसान का जीवन सुख-दुःख से भरा होता हैं लेकिन मैथ्यू रिकॉर्ड इस मामले में भाग्यशाली है।

वह आख़िरी बार 1991 में दुःखी हुए थे। उनकी ख़ुशी के रहस्य को सुलझाने के लिए अमेरिकन यूनिवर्सिटी ने 12 साल तक रिसर्च किया हैं। इसके लिए उनके दिमाग़ पर 256 सेंसर लगाए गए। इस रिसर्च के यूनाईटेड नेशन (UN) ने उन्हें धरती का सबसे खुशहाल इंसान माना। 

जानिए उनकी जिंदगी के अनछुए पहलुओं को :-

भारतीय शिक्षक ने किया प्रेरित  
मैथ्यू रिकॉर्ड का जन्म फ्रांस में हुआ। वे पिछले 45 सालों से लगातार खुश रहने की कोशिश में जुटे हैं। वह हैप्पीनेस को ही अपनी लाइफ की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी मानते हैं। 70 वर्षीय मैथ्यु ने बताया कि पहले वो आज के लोगों की तरह छोटी-छोटी बातों पर टेंशन में आ जाते थे। इसी दौरान जब 1972 में जब वो दार्जिलिंग आए तब उनके टीचर कांगयूर ने डे टू डे लाइफ में खुश रहने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे वो आदत में शुमार हो गई। इसके बाद मैंने फ्रांस छोड़कर दार्जिलिंग-नेपाल रहने का फैसला लिया। 

1991 में टीचर की डेथ पर हुए थे दुखी
मैथ्यू प्रोफेशन से साइंटिस्ट और पीएचडी होल्डर हैं। वे बताते है कि मुझे सबसे ज्यादा दुख 1991 में मेरे सबसे प्रिय टीचर और मुझे दुनिया का सबसे खुशहाल इंसान बनाने वाले इंसान डिल्गो ख्येन्त्से रिनपोचे(Dilgo Khyentse Rinpoche) की मौत पर हुआ था। आखिरी बार मैँ उनकी मौत से ही दुखी हुआ था। 

ख़ुशी भी दुःख बन गई 
रिकॉर्ड हंसते हुए कहते हैं दुनिया का सबसे खुशहाल इंसान तो बन गया हूँ। लेकिन यही मेरे लिए दुख बन गया है। मैं दुनिया में जहां जाता हूं वहां लोग मुझसे मेरी खुशी का फार्मूला पूछने लगते हैं। 

12 साल किया दिमाग को हाईजैक
मैथ्यू के ख़ुशी के राज़ को जानने के लिए अमेरिकन की नंबर 1 साइंटिफिक यूनिवर्सिटी विसकॉन्सिन के साइंटिस्ट ने उनके दिमाग पर 12 साल तक रिसर्च किया। इस दौरान उनके सिर पर 256 सेंसर लगाकर बुरी से बुरी परिस्थितियों में दिमाग के अंदर क्या चल रहा है.. या कैसे काम कर रहा है.. इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की। रिसर्च में या बात सामने आई कि उनके दिमाग़ एक गामा तरंग है। ये तरंग दुनिया में बहुत कम लोगों में डेवलप होती है। इसका काम हर कंडीशन में खुशी के लेवल को बढ़ाना होता है। 

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