कन्यापूजन के दौरान रखें इन बातों का ध्यान, घर में होगा लक्ष्मी का आगमन
कन्यापूजन के दौरान रखें इन बातों का ध्यान, घर में होगा लक्ष्मी का आगमन
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चैत्र नवरात्रि का महापर्व चल रहा है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां गौरी एवं कन्या पूजन का खास महत्व बताया गया है. इस बार महाष्टमी 16 अप्रैल को मनाई जाएगी. नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. नवरात्रि के अंतिम दिन हवन आदि करने के बाद कन्या पूजन किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार, आप अगर विद्या तथा यश की प्राप्ति चाहते हैं, तो आपको ब्राह्मण की कन्या का पूजन करना चाहिए.

धन, ऐश्वर्य के लिए इन कन्याओं का करें पूजन
धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए वैश्य कन्या के पूजन का विधान है. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, वहीं राजसत्ता एवं  प्रतिष्ठा के लिए क्षत्रिय की कन्या का पूजन शास्त्रोक्त है. इसके अतिरिक्त मोक्ष की कामना के लिए शूद्र की कन्या का पूजन करना चाहिए.

2 से 10 वर्ष की कन्या के पूजन का है विधान
कन्यापूजन केवल 2 से 10 वर्ष की कन्याओं का ही करना चाहिए. शास्त्रों में इन कन्याओं को देवी का दर्जा दिया गया है. 2 वर्ष की कन्या को कुमारी, 3 वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति, 4 वर्ष की कन्या को कल्याणी, 5 वर्ष की कन्या को काली, 6 वर्ष की कन्या को रोहिणी, 7 वर्ष की कन्या को चंडिका, 8 वर्ष की कन्या को शाम्भवी, 9 वर्ष वाली कन्या को दुर्गा तथा 10 वर्ष वाली को भद्रा का रूप माना जाता है.

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