कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चतुथी या चौथ के तौर पर मनाया जाता है। यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्रत कुंवारी कन्याऐं भी भावी पति मिलने के लिए करती हैं। इसका महत्व पंजाबी, माहेश्वरी समाज में अधिक रहता है। इस बार यह पर्व 19 अक्टूबर को आ रहा है। करवा चौथ को लेकर महिलाऐं बहुत ही गंभीर रहती हैं। वे श्रद्धा भाव से यह व्रत करती हैं। इस दिन महिलाऐं निराहार रहती हैं और चंद्रदर्शन कर पति का पूजन कर ही वे व्रत पूर्ण कर अन्न आदि ग्रहण करती हैं।
करवा चतुर्थी का व्रत बहुत ही कड़ा होता है। पंजाबी महिलाओं में इस तिथि का व्रत करने के साथ ही कथा का गायन किया जाता है और महिलाऐं पूजन के थाल को 7 बार एक दूसरे से बदलती हैं और 7 बार ही कथा का गायन होता है।
इस दौरान पंजाबी महिलाऐं गीत गाती हैं करवड़ा ले सर्व सुहागन..। करवा चतुर्थी का यह व्रत महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस माध्यम से महिलाऐं पति की लंबे उम्र की कामना करती हैं।