नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जमानत मिल जाने के बाद अब उन्होंने इस मामले में अपनी लड़ाई तेज़ कर दी है। इस मामले में उनका कहना है कि न्यायिक हिरासत में बंद विद्यार्थियों की रिहाई हेतु वे आंदोलन करेंगे और इसका नेतृत्व भी करेंगे। कन्हैया कुमार ने कहा कि सरकार और पुलिस द्वारा उनकी जमानत को लेकर देरी किए जाने का प्रयास किया गया है। मगर इस मामले में उन्हें जमानत दे दी गई है उनकी लड़ाई अभी तक समाप्त नहीं हुई है। उमर और अनिर्बान को अब तक रिहा नहीं किया गया है।
उनका कहना है कि वे छात्र आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत प्रदान किए जाने के बाद कन्हैया को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया था। कन्हैया द्वारा कहा गया कि उनका पहला जोर उनकी रिहाई पर है मगर यदि इसी तरह से विरोध करता रहूंगा तो जेल जाना नियमित हो जाएगा।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में बीते 9 फरवरी को आयोजित किए गए एक दिवसीय कार्यक्रम में भारत विरोधी नारों को लेकर कन्हैया, उमर और अनिर्बान पर देशद्रोह का प्रकरण दर्ज किया गया है। कन्हैया 18 दिन जेल में रहकर जमानत पर छूटे हालांकि अभी उनके साथ अनिबाॅन और उमर न्यायिक हिरासत में ही हैं ऐसे में वे उन्हें छुड़वाने के लिए उनकी रिहाई को लेकर आंदोलन करने की तैयारी में हैं।