नई दिल्ली : कांग्रेस में जारी निराशाजनक दौर और पार्टी के विभिन्न मोर्चों पर हारने के कारण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रिय मंत्री कमलनाथ को पार्टी का महासचिव नियुक्त किए जाने के ही साथ पंजाब के विधानसभा चुनाव का प्रभारी चुने जाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मगर इस मामले में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटनाक्रम को आड़े हाथ लिया है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेसी की आलोचना करते हुए कहा कि केजरीवाल ने पंजाब में मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह से सवाल किए कि क्या उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ की कथित संलिप्तता हेतु दोषमुक्त कर दिया?
दिल्ली और कुछ दूसरे राज्यों में सिख विरोधी दंगों से जुड़े 75 मामले की जांच करने की बात पर सीएम केजरीवाल ने केंद्र से सवाल भी किए। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी को प्रभावी एसआईटी के गठन को रोकने हेतु भारतीय जनता पार्टी द्वारा एसआईटी का गठन किया गया। इसी के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद को भी उत्तरप्रदेश और पंजाब का प्रभारी व महासचिव कमलनाथ के ही साथ नियुक्त किया गया है।
इस मामले में राष्ट्रीय संयोजक ने ट्वीट करते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर कमलनाथ पर अपना रूख स्पष्ट कर दें। कैप्टन ने कमलनाथ को दोषमुक्त कर दिया। जिसके बाद उन्होंने ट्विट करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों की फिर से जांच की जाएगी। सीएम केजरीवाल ने कहा है कि शिरोमणि अकालीदल ने पूर्व केंद्रीयमंत्री कमलनाथ को पंजाब का महासचिव नियुक्त किए जाने पर कांग्रेस ने हमला कर दिया।
इस दौरान उन्होंने आरोप लगाए कि पार्टी ने 1984 सिख विरोधी दंगों में शामिल होने हेतु नेता को इनाम दिया गया है। शिअद के सचिव व प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा का कहना है कि इन नियुक्तियों के कारण हमारे जख्मों पर नमक छिड़क दिया गया है।