क्या कारण था की कलाम राष्ट्रपति पद से देना चाहते थे इस्तीफा
क्या कारण था की कलाम राष्ट्रपति पद से देना चाहते थे इस्तीफा
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नई दिल्ली : भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मेन के नाम से जाने वाले दिवगंत एपीजे अब्दुल कलाम ने 2006 के समय राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने का विचार बना लिया था. मामला था कि डॉ. कलाम के पास एक प्रस्ताव आय था जिसमे बिहार विधानसभा को भंग करना था, जिस पर उन्हें न चाहते हुए भी सिग्नेचर करना पड़ा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा को भंग करने वाले राष्ट्रपति आदेश को ही खारिज कर दिया था. तब कलाम को लगा था कि उन्हें हस्ताक्षर नहीं करने चाहिए थे. कलाम 2002 में राष्ट्रपति बने थे. और इसी साल 27 जुलाई 2015 को उनका निधन हो गया था.

एक अंग्रेजी समाचारपत्र के हवाले से कलाम के पूर्व प्रेस सेक्रेट्री एसएम खान ने इस बात का खुलासा किया है. खान ने महानतम इंसान के साथ मेरे दिन शीर्षक के लेक्चर में ये बातें बताई. उन्होंने कहा कि तत्कालीन राज्यपाल बूटा सिंह ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की. कैबिनेट ने इसे मंजूर किया और अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया. उस समय कलाम रूस यात्रा पर थे.

खान ने बताया की डॉ. कलाम ने इस मामले को लेकर रामेश्वरम में अपने बड़े भाई से भी बात की थी. हालांकि उनके भाई इस तरह के किसी भी फैसले के खिलाफ थे. क्योंकि यदि कलाम इस्तीफा देते तो संवैधानिक संकट के हालात खड़े हो सकते थे. आखिरी में कलाम भी इसी फैसले पर पहुंचे कि इस तरह का कोई भी फैसला लेना ठीक नही होगा और उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा करते हुए राष्ट्रपति पद की शोभा बढ़ाई .

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