नई दिल्ली : बहुचर्चित मालेगांव बम धमाके के मामले में एक नया मोड़ आया है। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश यूयू ललित द्वारा स्वयं को वर्ष 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके की जांच से अलग कर दिया गया है। दरअसल इस मामले में उन पर आरोपियों की पैरवी किए जाने और हिंदू चरमपंथियों के विरूद्ध नरमी बरतने का आरोप लगाया गया था।
उल्लेखनीय है कि मालेगांव बम धमाके में अगली सुनवाई सोमवार को किए जाने की संभावना है। इसके पहले स्वयं को इस मामले से अलग करने का यूयू का निर्णय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मालेगांव में वर्ष 2008 में रमजान के तहत बम धमाका हुआ था। जिसमें मुस्लिम समुदाय के करीब 4 लोग मारे गए थे। इस मामले में दक्षिणपंथी चरमपंथियों पर आरोप लगाया गया है।