नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने न्यायालय का समय बर्बाद होने और कई फालतू मामलों में समय चले जाने को लेकर अपील की है कि इस समस्या पर गंभीरता से विचार किया जाए। इसके लिए उन्होंने देश में 4 नेशनल कोर्ट आॅफ अपील बनाने पर विचार करने की मांग भी की है। उनका कहना था कि न्यायालय में ऐसे मामले अधिक हो जाते हैं। ऐसे में न्यायाधीशों की संख्या 30 से बढ़कर 150 किए जाने की बात नहीं हो सकती है, मगर इस मामले में कोई विचार जरूर किया जा सकता है।
अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने नेशनल कोर्ट आॅफ अपील का विरोध किया और कहा कि यह बिल्कुल भी संभव नहीं है। मगर इस मामले में प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने अटार्नी जनरल और एमिकस क्यूरी सलमान खुर्शीद के ही साथ केके वेणुगोपाल से अपील करें कि वे सभी तरह की संभावनाओं पर ध्यान दें और इस पर अपनी सलाह दें। इस मामले में चीफ जस्टिस सीजेआई ने यह भी कहा कि कोर्ट आॅफ अपील के गठन का प्रयास अच्छा हो सकता है।
दूसरी ओर वेणुगोपाल ने कहा कि आयरलैंड में 6 साल की चर्चा के बाद नेशनल कोर्ट आॅफ अपील स्थापित की गई। उन्होंने वकीलों से भी इस मामले में अपना मत स्पष्ट करने को कहा। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट में उन क्षेत्रों से अधिक केस आते हैं जो कि दिल्ली से करीब हैं। ऐसे राज्यों में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड आदि शामिल हैं।