पिछले कुछ दिनों पहले जेएनयू के हॉस्टल के सम्बन्ध में कुछ नए नियमो के बारे में कुछ खबर सामने आयी थी जो आधिकारिक रूप में पुषिट नहीं की गयी थी इसके बाद से छात्रों में इससे लेकर गुस्सा था और वे विरोध जता रहे थे लेकिन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने छात्रावास के नए नियमों को लेकर छात्र आंदोलन पर शुक्रवार को आधिकारिक बयान जारी कर कई बातों को स्पष्ट किया है। जेएनयू प्रशासन ने कहा कि कई अफवाह फैलाकर नियमों का विरोध किया जा रहा है।
जेएनयू प्रशासन ने कहा कि जिन नियमों पर हल्ला किया जा रहा है, वे सभी पिछले 14 सालों से लागू हैं। नए नियमों के तहत छात्रावास के फीस में बढ़ोतरी के साथ ही सुविधा शुल्क लगाया गया है। जेएनयू रजिस्ट्रार प्रो प्रमोद कुमार की तरफ से जारी बयान के अनुसार 14 सालों के बाद जेएनयू परिसरों के छात्रावास के नए नियमों की समीक्षा की गई है। जिसमें किसी भी तरह के नए नियम नहीं लागू नहीं किए जा रहे हैं। अभी तक छात्रावास में रह रहे छात्र बिजली-पानी बिल को नहीं चुकाया करते थे। जिस पर जेएनयू 10 करोड़ रुपये का बजट व्यय करता था।इसके बाद से वह का नहोल अंडर कण्ट्रोल है।
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