उज्जैन : उज्जैन में रथ यात्रा का उल्लास बिखरा। हालांकि यात्रा के दौरान बारिश हो रही थी, बावजूद इसके रथ यात्रा में न केवल बडी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए वहीं भगवान जगन्नाथ का रथ खींचकर पुण्य भी लूटा। नगर में खाती समाज और इस्काॅन की ओर से रथ यात्रा का आयोजन किया गया था। बारिश का दौर सुबह से ही जारी था परंतु इससे रथ यात्रा का उत्साह दुगना हो गया क्योकि लोग बारिश होने का ही इंतजार कर रहे थे और जब रथ यात्रा के दिन बारिश हुई तो भक्तजनों ने इसे भगवान का आशीर्वाद स्वरूप स्वीकार किया। नगर में कार्तिक चैक से जहां खाती समाज की रथ यात्रा दोपहर में अपने निर्धारित समय से थोडी देर बाद प्रारंभ हुई वहीं इस्काॅन समूह की भी रथ यात्रा निकास चैराहा बुधवारिया से धूमधाम के साथ निकली। दोनो ही यात्राओं में भक्त जहां बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए वहीं भक्तों ने रथ भी खींचा।
रथ यात्रा के अवसर पर दोनों ही स्थानों पर सुबह से ही पूजा अर्चना का दौर जारी रहा। रथ यात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के माकूल प्रबंध किए गए थे। कार्तिक चैक से खाती समाज की रथ यात्रा के पूर्व समाजसेवियों को सम्मानित भी किया गया। रथ यात्रा कार्तिक चैक से प्रारंभ हुई तथा परंपरागत मार्गों से होती हुई पुनः मंदिर पहुंची। इस्काॅन और खाती समाज की रथ यात्राओं में सजे संवरे रथों पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र तथा बहन सुभद्रा की मनोहारी मूर्तियां विराजमान थीं। उल्लेखनीय है कि जिस तरह से उड़ीसा के जगन्नाथपुरी में रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है उसी तरह उज्जैन में भी परंपरागत रूप से रथ यात्रा निकाली जाती है। इधर इस्काॅन की रथ यात्रा के दौरान आगे-आगे श्रद्धालु स्वर्ण झाडू से यात्रा मार्ग को बुहारते हुए चल रहे थे।
इस्काॅन से जुड़े लोग जहां नृत्य कर रहे थे वहीं दोनों ही रथ यात्राओं का स्थान-स्थान पर पुष्पवर्षा कर स्वागत भी किया गया। खाती समाज की रथ यात्रा में बैंड बाजे, हाथी घोड़े, बग्घी तो सम्मिलित की ही गई वहीं चांदी की पालकी पर भगवान विराजमान हुए। इस्काॅन की रथ यात्रा भी निर्धारित मार्गों से होती हुई दशहरा मैदान पहुंची। यहां सात दिनों तक भगवान विश्राम करेंगे। इसके लिए अत्याधुनिक वाॅटरप्रुफ पांडाल का निर्माण कराया गया है। यहां प्रति दिन सुबह से विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम संपन्न किए जाएंगे। सात दिनों बाद पुनः रथ यात्रा के माध्यम से भगवान जगन्नाथ अपने मूल स्थान इस्काॅन मंदिर की ओर ले जाए जाएंगे।