भक्ति रूपी नदी को पार कर पाना संभव नहीं
भक्ति रूपी नदी को पार कर पाना संभव नहीं
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जो पराई नारी पर बुरी नजर डालता है उसका वध करना कोई पाप नहीं वहीं जो निर्दोष को सताता है, ऐसे हिंसक को मारना भी पाप नहीं। साध्वी मीरा दीदी ने बाली वध प्रसंग पर कहा कि राम अपनी सहायता के लिए बाली की मदद भी ले सकते थे लेकिन उन्होंने सुग्रीव को चुना क्योंकि बाली ने सुग्रीव की पत्नी पर बुरी नजर डाली थी इसलिए वह धर्मयुध्द के योग्य नहीं रहा। 

मित्र को कष्ट आए तो पहाड़ जैसा समझो और खुद को तकलीफ हो तो उसे तुच्छ समझो तभी तकलीफ से लड़ सकोगे और मित्र की मदद कर सकोगे। नदी तो सब पार कर लेते हैं लेकिन भक्ति रूपी नदी को पार कर पाना संभव नहीं है, तभी तो दो पग में दुनिया को पार कर लेने वाले भगवान श्री राम भी बिन केवट की सहायता से गंगा को पार नहीं कर सके।

सत्य कहने वालों की कोई सुने न सुने ईश्वर जरूर सुनता है। आज भी ईमानदारी जिंदा है, लोग ईमानदार की ही कद्र करते हैं। क्या आप बेईमान पर विश्वास कर सकते हो, नहीं न। जब झूठ आपको पसंद नहीं तो आपके भगवान कैसे पसंद कर सकते हैं।

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