क्या जानवरों से इंसानों में फ़ैल रहा कोरोना का नया-नया वैरिएंट ? जानें वैज्ञानिकों की राय
क्या जानवरों से इंसानों में फ़ैल रहा कोरोना का नया-नया वैरिएंट ? जानें वैज्ञानिकों की राय
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नई दिल्ली: क्या जानवरों के कारण कोरोना के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि जानवरों के कारण ही कोरोना वायरस म्यूटेट कर रहा है और वहां से मनुष्यों में फैल रहा है. वैज्ञानिकों ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है कि पूरे विश्व में जानवरों के जरिए इंसानों में वायरस फैलने के मामले बढ़ रहे हैं और यदि ऐसा ही चलता है तो म्यूटेंट्स की निगरानी करना कठिन हो जाएगा.

सार्स कोव-2 यानी कोरोना का वायरस कहां से आया, इसे लेकर अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है. हालांकि, कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि हो सकता है कि ये वायरस चमगादड़ के माध्यम से इंसानों में आया हो या फिर चीन के वुहान के मार्केट में किसी और जानवर के जरिए आया हो. कुछ वैज्ञानिक ऐसा भी मानते हैं कि भारत सहित पूरे विश्व में कोरोना की नई लहर लेकर आने वाला Omicron वैरिएंट इंसानों में म्यूटेट करने की जगह जानवरों से ही म्यूटेट करके फैला हो. अमेरिका की पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट अमिता गुप्ता ने मीडिया को बताया कि कोई भी वायरस, संक्रमित जीव के शरीर में खुद को मल्टीप्लाय करता है और म्यूटेट हो सकता है. उनका कहना है कि यदि समय के साथ जानवरों में मौजूद वायरस में जीनोमिक परिवर्तन होते हैं तो ये ऐसा वायरस बना सकते हैं, जो अधिक संक्रामक और जानलेवा हो सकता है.

वहीं, जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के इन्फेक्शियस डिसीज डिविजन से संबंधित एक प्रोफेसर ने बताया कि जानवरों में सार्स-कोव-2 में छोटा सा म्यूटेशन भी इंसानों के लिए काफी अधिक संक्रामक और घातक हो सकता है. अभी तक जानवरों में विकसित कोरोना वायरस से इंसानों के संक्रमित होने की तादाद तय नहीं है, लेकिन पिछले सप्ताह अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन (CDC) ने बताया था कि मिशिगन में कम से कम 4 ऐसे लोग पाए गए थे, जिनमें कोरोना का वही वर्जन मिला था, जो मिंक (जानवरों की एक प्रजाति) में मिला था. मिंक एक छोटा सा जानवर होता है, जिसका फर चमकदार होता है. ये जानवर अमेरिका और यूरोप के कई हिस्सों में मिलता है. 

इसके साथ ही ये भी सामने आया है कि मिंक और पालतू हैम्स्टर्स मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं. कनाडा में भी एक सफेद पूंछ वाले हिरण और एक इंसान के बीच ट्रांसमिशन होने की समीक्षा की जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में कहा था कि अभी तक मनुष्यों में कोरोना के फैलने में जानवरों की भूमिका सामने नहीं आई है, मगर जानवरों में इस वायरस के फैलने से आने वाले वक़्त में इंसान प्रभावित हो सकते हैं और इससे नए वैरिएंट सामने आ सकते हैं. अब तक घरेलू जानवरों के साथ ही बड़ी बिल्लियां, शेर, बंदरों और जंगली जानवरों में कोरोना का संक्रमण पाया गया है.

वेटेरिनेरियन गौरव शर्मा ने मीडिया को बताया है कि इंट्रा-स्पेशिस ट्रांसमिशन से जानवरों में वायरस एस्टेब्लिश हो सकता है और ऐसे जानवरा मनुष्यों में संक्रमण फिर से फैला सकते हैं. उनका कहना है कि जंगली जानवरों में वायरस म्यूटेट हो सकता है, जिससे नए वैरिएंट सामने आ सकते हैं.

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