INS रंजीत ने 2190 दिनों में तय की विश्व के 35 चक्कर लगाने बराबर दूरी, अब हुआ रिटायर
INS रंजीत ने 2190 दिनों में तय की विश्व के 35 चक्कर लगाने बराबर दूरी, अब हुआ रिटायर
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विशाखापट्टनम: भारतीय नौसेना का अग्रणी मिसाइल विध्वसंक ‘आईएनएस रंजीत’ 36 वर्षों तक देश को सेवा देने के बाद सोमवार को सेवामुक्त हो गया है। आईएनएस रंजीत को 15 सितंबर, 1983 को नौसेना के बड़े में शामिल किया गया था। वह पूर्ववर्ती सोवियत संघ द्वारा बनाया गया काशिन श्रेणी के पांच विध्वंसकों में तीसरा जहाज़ है।

इस जहाज़ को यहां भारतीय नौसेना गोदी में एक औपचारिक समारोह में विदाई दे दी गयी। इस अवसर पर आईएनएस रंजीत पर से राष्ट्रीय ध्वज, नौसेना का प्रतीक और नौसेना में शामिल करने से संबंधित निशान उतार दिए गए। इस समारोह में अंडमान निकोबार के उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत) देवेंद्र कुमार जोशी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। 

आपको बता दें कि अंडमान निकोबार के उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत) देवेंद्र कुमार जोशी इस जहाज को नौसना में शामिल करने के दल में भी शामिल रहे थे। एक विज्ञप्ति के मुताबिक नौसेना में शामिल होने के बाद आईएनएस रंजीत ने 2190 दिनों तक 7,43,000 समुद्री मील की यात्रा की थी जो विश्व का 35 चक्कर लगाने के बराबर है। यह दूरी धरती एवं चंद्रमा की दूरी निर्धारित करने का लगभग साढ़े तीन गुणा है। समारोह के दौरान उपस्थित लोगों ने अग्रणी मिसाइल विध्वसंक ‘आईएनएस रंजीत’ को सलामी देते हुए विदाई दी।

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