श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा का त्राल इलाका बीते कई वर्षों से कश्मीर घाटी में आतंकवादी (terrorists) गतिविधियों का किला रहा है. बुरहान वानी, समीर टाइगर, जाकिर मूसा और पुलवामा हमले का आत्मघाती हमलावर आदिल भट्ट इसी इलाके से थे और कश्मीर घाटी में लश्कर, जैश और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठन इसी इलाक़े से अपनी गतिविधियों का संचालन किया करते थे.
गत वर्ष के पुलवामा हमले के बाद अब इस इलाके की पहचान भी बदल चुकी है. 2019 की शुरुआत में त्राल में 30 से अधिक आतंकी सक्रीय थे, जो सुरक्षाबलों के लगातार अभियान के बाद घट कर सिर्फ 3 रह गई है. जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक, पुलवामा जिले के अवंतीपोरा पुलिस डिवीजन में इस वक़्त 18 आतंकी सक्रिय है, किन्तु यह सब अब संबूरा और पम्पोर इलाके में छुपने पर विवश हो गए है और सुरक्षाबलों के लगातार बढ़ते दवाब के बाद त्राल का इलाका तक़रीबन आतंक मुक्त हो गया है.
14 फरवरी को पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में शहीद हुए जवानों को श्रदांजलि अर्पित करते हुए CRPF के स्पेशल DG जुल्फिकार हसन ने इस बात की पुष्टि कर दी थी कि पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार सभी आतंकियों और उनके मददगारों को सेना ने उनके अंजाम तक पहुंचाते हुए क्षेत्र से जैश-ए-मोहम्मद के संगठन का पूरी तरह सफाया कर दिया है.
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