नई दिल्ली : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया बीते 6 हफ्तों के निचले स्तर पर आ चुका है. सोमवार के कारोबार में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 65.42/43 के स्तर पर बंद हुआ. बता दें कि रुपये की कमजोरी का सीधा असर महंगाई से होता है.
उल्लेखनीय है कि रुपए की इस गिरावट का जब विश्लेषण किया गया तो पाया कि फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के संकेतों के बीच डॉलर की मजबूती भी एक कारण है. वहीं घरेलू शेयर बाजार में भी गिरावट जारी है, जो कि रुपये को कमजोर कर रही है. यह बात केडिया कमोडिटी के प्रबंध निदेशक अजय केडिया ने कही.रुपये की गिरावट में जीएसटी का भी योगदान है.
बता दें कि रुपये के लिए 65.70 से 65.80 का दायरा फिलहाल अनुमानित किया गया है. रुपए की इस गिरावट का असर यह होगा कि आयात बिल के बढ़ने से देश में महंगाई बढ़ने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी. वहीं डॉलर के मजबूत होने से सोना भी महंगा हो जाएगा. इसके अलावा रुपये के कमजोर होने से व्हाइट गुड्स यानी कि इलेक्ट्रिक आइटम्स भी महंगे हो जाएंगे. क्योंकि भारत व्हाइट गुड्स का एक बड़ा हिस्सा विदेशों से आयात करता है.
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