सीमा पार के खतरों से लड़ने के लिए भारत अपनी युद्ध रणनीति में जुटा
सीमा पार के खतरों से लड़ने के लिए भारत अपनी युद्ध रणनीति में जुटा
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नई दिल्ली : भारतीय सेना अपनी युद्ध रणनीति को धारदार बनाने में जुटी है, ताकि सीमा पार से होने वाले हमले का मुंहतोड़ जवाब दे सके। इसके लिए थार के रेगिस्तान में भारतीय सेना का व्यापक अभ्यास जारी है। इसका कोड नेम शत्रुजीत रखा गया है। 

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि यह अभ्यास न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल व केमिकल युद्ध के माहौल में होगा। इस अभ्यास के लिए सेना की कई आर्म्ड, आर्टिलरी और इनफैंट्री टुकड़ियों की जाएंगी। इस अभ्यास में 18 लाख सैनिक की संख्या वाली भारतीय सेना की तीन प्रमुख स्ट्राइकर कोर में से एक मथुरा की 1 कोर चलाएगी।

यह प्रैक्टिस साउथ वेस्टर्न कमांड के जयपुर स्थित हेडक्वार्टर की निगरानी में किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि युद्ध के दौरान पाकिस्तान परमाणु हमले जैसी बेवकूफाना बात कर सकता है, लेकिन भारत पहले परमाणु हमले न करने की अपनी बात पर अटल है।

इसमें दुश्मनों द्वारा पहले एनबीसी हमला किए जाने पर कठोर और व्यापक सामरिक और रणनीति कार्रवाई की चेतावनी भी शामिल है। इसके अंत में उम्मीद है कि सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग इस मिशन की समीक्षा करें। इसमें 2-3000 सैनिकों की पैराड्रॉपिंग भी की जाएगी।

बता दें कि पाकिस्तान के पास शाहीन और गौरी जैसी कई लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें है. लेकिन पारंपरिक हथियारों में भारत की बराबरी करने के लिए वो नस्त्र का ही इस्तेमाल करता है।

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