नई दिल्ली: कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी को तलब करते हुए इस मुद्दे पर गंभीर चिंता प्रकट की. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर रोक लगाने के फैसले की निंदा की. शीर्ष भारतीय राजनयिक सुरेश कुमार ने पाकिस्तान के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उसे उत्तर दिया है. भारतीय अधिकारी ने पड़ोसी मुल्क से कहा है कि वो पहले अपना खुद का ट्रैक रिकॉर्ड देखे.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 'उन्होंने (सुरेश कुमार ने) पाकिस्तानी अधिकारियों को बताया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. देश में एक प्रक्रिया के मुताबिक कार्य होता है. पाकिस्तान को अपना खुद का ट्रैक रिकॉर्ड देखना चाहिए.' भारतीय राजनयिक को तलब किए जाने को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि, 'भारतीय राजनयिक से भारत सरकार को यह बताने का अनुरोध किया गया है कि कर्नाटक में RSS-भाजपा गठबंधन द्वारा चलाए जा रहे हिजाब विरोधी अभियान पर पाकिस्तान को काफी चिंता है. ये मुस्लिम महिलाओं को अमानवीय बनाने का भारत सरकार के बहिष्करणवादी और बहुसंख्यकवादी एजेंडे का हिस्सा है.'
वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी एक ट्वीट करते हुए कर्नाटक हिजाब विवाद को लेकर भारत सरकार पर हमला बोला. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'मुस्लिम लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. किसी को भी इस मौलिक अधिकार से वंचित करना तथा उन्हें हिजाब पहनने के लिए आतंकित करना दमनकारी है. विश्व को यह समझना चाहिए कि ये सब मुसलमानों को घेटो (अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बनाई गई तंग बस्ती) में रखने की भारत सरकार के एजेंडे का हिस्सा है.'
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