कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ओर बढ़ते कदम दे सकते है सफलता
कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ओर बढ़ते कदम दे सकते है सफलता
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विशेषज्ञों का कहना है कि बदलते प्रौद्योगिकी (टैकनोलजी) परिदृश्य में अब भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता में डिग्री पाठ्यक्रमों और पेशेवर प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जरूरत है। पीयर्सन प्रोफेशनल प्रोग्राम्स (पीपीपी) के उपाध्यक्ष वरुण धमीजा ने कहा कि डिजीटल युग और तेजी से बदलते औद्योगिक परिदृश्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कई उद्योगों को प्रभावित कर रही है, जिससे नौकरी की भूमिकाएं बदल रही है। करीब हर उद्योग में दुनिया कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ओर देख रही है और इसे औद्योगिक तथा स्मार्टफोन क्रांति में अगला बड़ा तकनीकी बदलाव माना जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों में वैकल्पिक विषय के तौर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता को पेश कर दिया है परन्तु फिर भी देश में कम अवधि के पाठ्यक्रमों के अलावा इस क्षेत्र में कोई डिग्री पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं है। वरुण ने कहा कि हमारे हाल के सर्वे के अनुसार, 60 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि दुनिया अब ऐसे मॉडल की बढ़ रही है, जहां लोग जीवनभर के लिए शिक्षा में भाग लेते हैं। अधिक से अधिक मंजे हुए पेशेवर, नौसिखिए युवा और मध्य स्तर के कर्मचारियों को अब अहसास हो गया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अन्य क्षेत्रों में अपने कर्मचारियों को कुछ नया सिखाने और औपचारिक प्रशिक्षण की जरूरत है। इस बदलाव को देखते हुए हम न केवल कम अवधि की या व्यावसायिक शिक्षा की मांग देखेंगे बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित पूर्ण पाठ्यक्रम देखेंगे।

बिरलासॉफ्ट के चीफ पीपुल ऑफिसर समित देब ने कहा कि विश्वविद्यालयों और कुशल कर्मचारियों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधित पाठ्यक्रमों में काफी वृद्धि देखी गई है। जहां उद्योग के बड़े दिग्गज और शिक्षाविद् साथ आकर और अधिक औद्योगिक प्रशिक्षण दें, जिसके साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित नए पाठ्यक्रम भी तैयार करें। संयुक्त अरब अमीरात ने बीते  महीने एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया जिसे विश्व का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होने का दावा किया गया है। मोहम्मद बिन जायेद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एमबीजेडयूएआई) स्नातक के छात्रों को पाठ्यक्रम की पेश कश दे रहा है। विश्वविद्यालय अपने पहले मास्टर और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए भी आवेदन ले रहा है। इसकी शुरूआत अगले साल 20 सितंबर को होने की संभावना है।

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