वॉशिंगटन : भारत ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कठोर करने की अपील की है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् से कहा है कि सूचीबद्ध आतंकवादियों को किसी भी देश में पनाह नही मिलनी चाहिए और साथ ही इन पर कठोर प्रतिबंध लगाए जाए। भारत ने यह भी कहा है कि तालिबान की हिंसा में किसी सुस्पष्ट कमी के बगैर अफगान शांतिवार्ता सुलह-समझौते का जोखिम कम नहीं होगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई उप प्रतिनिधि भगवंत बिश्नोई ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद् की चर्चा में ये सारी बातें रखी। उन्होने कहा कि भारत हमेशा से कहता आ रहा है कि इस तरह की कोई शांति वार्ता अफगान नीत और अफगान स्वामित्व होनी चाहिए और केवल उन्हीं तालिबानी शुभचिंतकों के साथ होनी चाहिए, जो अफगान के संविधान के दायरे को मानता हो और उसी दायरे में काम करने की इच्छा रखता हो।
बिश्नोई ने कहा कि दुनिया के सभी हिस्सों में आतंकवादी हमले बढ़ रहे है और अफगानिस्तान में उसकी गतिविधियाँ जारी है। जिसके मद्देनजर सुरक्षा परिषद् को अवश्य ही इन आतंकी समूहों को तोड़ने का तरीका ढूंढना होगा।
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि इससे पहले भी सुरक्षा परिषद् ने इस संबंध में कई प्रस्ताव पारित किए है, जो सभी सदस्य देशों के लिए बाध्यकारी है। आतंकवादी संगठनों पर प्रभावी तरीके से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जिससे उन्हें कोई भी पनाह न दे सके।