भारत, जापान के बीच कर सूचनाओं के आदान-प्रदान पर समझौता
भारत, जापान के बीच कर सूचनाओं के आदान-प्रदान पर समझौता
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नई दिल्ली : भारत और जापान ने शुक्रवार को दोहरे कराधान को टालने (डीटीएसी) के लिए मौजूदा समझौते में संशोधन करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे दोनों देशों को कर संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान में मदद मिलेगी। मौजूदा डीटीएसी समझौते पर हस्ताक्षर वर्ष 1989 में, दोहरे कराधान को टालने और आयकर के संदर्भ में राजकोषीय चोरी रोकने के लिए किए गए थे।

वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि यह प्रोटोकॉल खास अहमियत रखता है, क्योंकि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा शुरू होने से महज कुछ घंटे पहले ही इस पर हस्ताक्षर किए गए हैं। भारत की ओर से राजस्व सचिव डॉ. हसमुख अधिया और जापान की ओर से जापान के राजदूत केंजी हीरामत्सु ने इस पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में कर संबंधी सूचनाओं के कारगर ढंग से आदान-प्रदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानकों का जिक्र है।

इसमें इस बात का भी उल्लेख है कि भारत के किसी निवासी के संबंध में जापान से जो सूचनाएं मिलेंगी, उन्हें जापान के सक्षम प्राधिकरण से मंजूरी मिलने के बाद अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। यही बात जापानी नागरिक पर भी लागू होगी। समझौते में इस बात का उल्लेख है कि भारत और जापान दोनों ही राजस्व दावों के संग्रह में एक-दूसरे की सहायता करेंगे। समझौते में सरकार/सरकारी स्वामित्व वाले वित्तीय संस्थानों द्वारा बीमित ऋण-दावों के संदर्भ में स्रोत देश में ब्याज आय को कर से छूट दिए जाने का भी जिक्र है।

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