भारत की विकास दर इस साल और अगले साल बढ़ कर 7.5 प्रतिशत होने की उम्मीद है। इससे भारत विश्व की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक हो जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ताजा आर्थिक आंकड़ों से यह जानकारी प्राप्त हुई है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर आईएमएफ के क्षेत्रीय आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की अर्थव्यवस्था की गति में कमी आई है। 2015 में चीन की जीडीपी विकास दर 6.8 प्रतिशत और 2016 में 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
आईएमएफ की गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया और प्रशांत क्षेत्र में विकास दर विश्व के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले तेज रहेगी। 2015 में जीडीपी विकास दर 5.6 प्रतिशत बनी रहेगी, जबकि 2016 में यह 5.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। विकास दर में यह तेजी मजबूत श्रम बाजारों, कम ब्याज दरों और हाल ही में तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से घरेलू मांग बढ़ने से होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर सुधार से एशिया के निर्यात को सहारा मिलता रहेगा।
आईएमएफ के क्षेत्रीय आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादन क्षमता बढ़ाने के अलावा संरचनात्मक सुधारों से खपत बढ़ सकती है, जो कुछ बड़ी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चे तेल की कम कीमतों से ऊर्जा सब्सिडी को कम करने का एक अवसर प्राप्त हुआ है।
इस दिशा में भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया सहित कई देशों में कदम उठाए भी गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक उत्पादन में एशिया की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत ही है, लेकिन वैश्विक विकास में इसका योगदान लगभग दो-तिहाई है। रिपोर्ट में इसके साथ ही कहा गया है कि एशिया आर्थिक विकास दर का अगुआ बना रहेगा।