उत्तराखंड हादसा और मानव के बदलते प्रयास
उत्तराखंड हादसा और मानव के बदलते प्रयास
Share:

उत्तराखंड हिमालय की वादियों में रचा बसा एक ऐसा राज्य जहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु तीर्थ यात्रा के लिए जाते हैं तो कई पर्यटक अपने अवकाश को मनाने के लिए जाते हैं. यहां पर केदारनाथ बद्रीनाथ के दर्शन कर श्रद्धालु अपने जीवन को धन्य समझता है तो दूसरी ओर हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं पर वातावरण बेहद खुशनुमा पाकर व्यक्ति की आतंरिक प्रकृति निखर आती है मगर वर्ष 2013 के जून माह में ऐसी आपदा आई कि जीवन प्रकृति के रौद्रस्वरूप को देखकर सिहर उठा. जिन वादियों में बाबा केदारनाथ के जयकारे गूंजा करते थे वहां लोगों का मृत्यु से साक्षात्कार हुआ तो घाटियों में महामृत्युंजय मंत्र की गूंज सुनाई दी।

कहीं बाढ़ के प्रवाह में स्खलित होती पहाड़ों की चट्टानें अपना भयावह रूप लेकर मानव पर पत्थर बरसा रही थीं तो कहीं एक सहारे से मानव लटका हुआ था और नीचे उफनती नदी बहकर मौत को निमंत्रण दे रही थी. हालांकि अब इतने वर्षों में उत्तराखंड में पुर्ननिर्माण कार्य कर दिए गए हैं और घाटी में फिर से बाबा केदार और बद्रीनाथ जी की यात्रा की जा रही है लेकिन प्रकृति अभी भी मानव पर कहर बरपा रही है. अमूमन मई-जून में प्रारंभ होने वाली इस तीर्थ यात्रा के दौरान मौसम का मिजाज बदलता है और बारिश के साथ पहाड़ से भूस्खलन होने लगता है।

नतीजतन यात्रियों को बीच में ही रूकना होता है. ऐसे में यात्रा पर असर पड़ता है, आखिर यह सब क्यों हो रहा है? दरअसल मानवीय क्रियाकलाप इस कदर बढ़ गए हैं कि हिमालयी पर्वत श्रृंखला पर दबाव पड़ता है. इतना ही नहीं इस क्षेत्र में कई थर्मल पाॅवर प्रोजेक्ट संचालित किए जा रहे हैं जो कि इस क्षेत्र की प्राकृतिकता को प्रभावित कर रहे हैं. यहां के घने जंगल भी आगजनी से प्रभावित हुए हैं ऐसे में पर्यावरण पर असर हो रहा है. यहां की प्रकृति अब पहले जैसी नहीं रही है।

चट्टानें मानव के लिए काफी खतरनाक हो गई हैं. प्रकृति के आगे सरकारें मजबूर हैं मगर बिगड़ते पर्यावरण को रोकने के लिए आवश्यक कदम भी नहीं उठाए जा सके हैं। ये प्रयास सरकारों के हाथ में हैं मगर इस मामले में आम आदमी उदासीन है या उसे हिमालयी प्रकृति के इस तरह से खतरे में होने को लेकर जानकारी ही नहीं है. वह अनजाने में मौत की ओर बढ़ रहा है, हालांकि उसके प्रयास हिमालयी प्रकृति को ईश्वर का वरदान बना सकते हैं. मगर इन प्रयासों में फिलहाल काफी कमी नज़र आती है।

'लव गडकरी'

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -