लैंगिक समानता में भारत में हुआ सुधार
लैंगिक समानता में भारत में हुआ सुधार
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नई दिल्ली : विश्व आर्थिक फोरम द्वारा 2016 के लिए जारी ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में दुनिया में भारत की स्थिति इस मामले में बेहतर हुई है. इसके पीछे भारत में महिलाओं को बराबरी का अधिकार देने की कोशिशें हैं. बता दें कि लैंगिक समानता के मामले में भारत 144 देशों में 87वें पायदान पर है.

गौरतलब है कि विश्व आर्थिक फोरम की रिपोर्ट में शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति और आर्थिक आधार पर दुनिया के विभिन्न देशों में महिलाओं की स्थिति को प्रकट किया जाता है. जहाँ तक भारत का सवाल है तो रिपोर्ट के मुताबिक लैंगिक समानता के मामले में भारत 144 देशों में 87वें पायदान पर है. वहीं चीन 99वें और पाकिस्तान 143वें स्थान पर है. रिपोर्ट में यह खेदजनक बात सामने आई है कि वैश्विक कार्यस्थल पर लैंगिक अंतर और भी अधिक बढ़ा है. इसमें बदलाव में 170 साल लग जाएंगे.

बता दें कि लैंगिक समानता के मामले में पिछले साल की तुलना में 21 स्थानों की बढ़त हासिल करने के बावजूद भारत को वैश्विक स्तर पर बेहद पिछड़ा यानी 87वां स्थान मिला है. भारत को मिली बढ़त शिक्षा में हुई प्रगति के कारण है. इस सूची में आइसलैंड शीर्ष पर है. जेनेवा के विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा तैयार किए गए इस वैश्विक लैंगिक अंतर सूचकांक में भारत को 108वीं रैंक मिली है.

भारत में इस साल लैंगिक अंतर में दो प्रतिशत की कमी आई है. डब्ल्यूईएफ ने भारत के संदर्भ में कहा कि सबसे ज्यादा सुधार शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है, जहां भारत प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में अपने अंतर को पाटने में पूरी तरह सफल रहा. इस क्षेत्र में 144 देशों में भारत को 136 वां, स्वस्थ्य के मामले में 142वां और राजनीतिक सशक्तीकरण के मामले में यह शीर्ष 10 देशों में शामिल है.

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