दिल्ली: भारत के बैंकिंग सेक्टर को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ ने एक गंभीर चेतावनी दी है. आईएमएफ ने शुक्रवार को कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में चल रहे बड़े संकट को सुलझाना भारत के लिए निवेश और समावेशी विकास एजेंडे को समर्थन देने के लिए काफी अहम है.
गैरी राइस प्रवक्ता अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने दो हफ्तों में एक बार होने वाले सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, “बैंकिंग क्षेत्र की बैलेंस शीट के मुद्दों को संबोधित करना और विशेष सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में सुधार करना भारत के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है ता कि निवेश और समावेशी विकास के एजेंडे को समर्थन दिया जा सके”
आईएमएफ प्रवक्ता गैरी राइस से जब भारत के बैंकिंग सेक्टर के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) के मसलों को संबोधित करने की दिशा में प्रगति हुई है और बाद में प्रवाह की समस्या से निपटने के लिए कई अन्य काम किए जा रहे है. यहाँ पर राइस ने आगे कहा, “इन कामों में गैर-निष्पादित संपत्तियों की पहचान करना, दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत संकल्प ढांचे को अनुमति देना शामिल है.” उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक कदम था क्योंकि परिसंपत्ति गुणवत्ता के मुद्दों की पहचान और बारीकी से निगरानी करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया जा रहा था.
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