रिसर्च के लिए पहुंची थी जर्मनी अब लास्ट स्टेज ब्रेन कैंसर का कर रही सामना
रिसर्च के लिए पहुंची थी जर्मनी अब लास्ट स्टेज ब्रेन कैंसर का कर रही सामना
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जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली मनीषा गुप्ता अपने दम पर जर्मनी पहुंच तो गई, लेकिन अब उनका वहां से आना मुमकिन नहीं हो पा रहा है, मनीषा बेहद प्रतिभाशाली स्टूडेंट है, लेकिन जर्मनी में पिछले 9 महीने से वो ब्रेन कैंसर से जूझ रही है, उन्होने आईआईटी दिल्ली से एमटेक में सेकेंड पोजिशन हासिल किया  इसके बाद उनका चयन इंडो-जर्मन रिसर्च प्रोग्राम के लिए हो गया और वो वहां जाकर रिसर्च करने लगी।

पिछले साल उन्हें ब्रेन कैंसर डिटेक्ट हुआ, वो भी लास्ट स्टेज। मनीषा का ऑपरेशन हुआ और अब उनकी अंतिम इच्छा है कि जिंदगी के आखिरी दिन वो भारत में बिताएं। क्रिटिकल पोजिशन के कारण कॉमर्शियल एयरलाइंस ने उसे जर्मनी से भारत लाने से मना कर दिया, डॉक्टरों ने भी एयर एंबुलेंस की सलाह दी है, इसके लिए करीब 60 हजार यूरो (यानी करीब 45 लाख रुपए) का खर्च आ रहा है।

मनीषा के पिता महेश चंद्र ने बताया कि जब उसका चयन बैंगलुरु में एक एमबीबीएस प्रोग्राम के लिए हुआ, तब भी उनकी, उसे वहीं भेजने की हैसियत नहीं थी। मैं उसे डॉक्टर नहीं बना पाया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और एमएससी के बाद आईआईटी दिल्ली से एमटेक किया, स्कॉलरशिप के बुते वो जर्मनी रिसर्च के लिए गई। उसने अपनी थीसिस सम्मिट की, लेकिन इंटरव्यू से पहले उसके ब्रेन में कैंसर डिटेक्ट हो गया और वो इंटरव्यू नहीं दे पाई, इसी कारण अब उसकी स्कॉलरशिप भी बंद होने को है और साथ ही उसका वीजा भी खत्म होने वाला है।

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