स्टडी के लिए टेंशन जरूरी है, लेकिन बहुत ज्यादा चिंता से सोचने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है जिससे परीक्षाओं या साक्षात्कार के वक्त मेमोरी ब्लाँक हो सकती है। एनर्जी के लेवल में गिरावट व कॉन्सन्ट्रैशन में कमी हो सकती है। टेंशन बढऩे से रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी रेसिस्टेंट पॉवर कम होने लगती है और शरीर अस्वस्थ होगा तो जाहिर सी बात है कि दिमाग पर प्रैशर भी बढ़ेगा। टेंशन आपके मनोबल पर हावी ना हो इस बात का ध्यान रखें।
टेंशन आपके सबकॉन्शस में बना रहना चाहिए लेकिन जैसे ही आपको घबराहट महसूस हो आप अपनी सारी शक्ति अपने मजबूत पक्षों को सोचने में लगा दें। इससे आपकी पॉजिटिव एनर्जी बढ़ेगी। टेंशन कम से कम होना चाहिए और उस पर दबाव डालने के लिए सच्चे मन से मेहनत करने लग जाएं। कई घंटों तक लगातार बैठे रहकर पढऩे से कोई फायदा नहीं होता, क्योंकि एक टाइम लिमिट के बाद नेगेटिव टेंशन का लेवल बढ़ता जाता है और एकाग्रता का स्तर गिरने लगता है।