उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए संत डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने कहा है कि महाकाल मंदिर जाने पर अजान की आवाज आती है, आरती एवं मंत्रों की मंगल ध्वनि सुनाई ही नहीं देती है। जब मंदिर के आसपास मौजूद मस्जिदों के लाउडस्पीकर चालू हैं, तो मंदिर के माइक क्यों बंद हैं। इसी प्रकार आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने महाकाल मंदिर के बाहर मुस्लिम समुदाय के होटलों पर सवाल उठाए हैं।
दरअसल, लाउडस्पीकर को लेकर देशभर में छिड़े विवाद के पश्चात् उज्जैन के संत भी इसमें सम्मिलित हुए हैं। संत डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने कहा है कि मस्जिदों की मीनारों पर 8-8 लाउडस्पीकर लगे हैं। इनके जरिए हर दिन 5 बार अजान की आवाज आती है। इसके परिणाम स्वरूप आसपास के रहवासी इलाके में हजारों छात्रों को पढ़ाई में व्यवधान होता है। बीमार लोगों को भी आराम करने में समस्या होती है। महाकाल मंदिर प्रशासन माइक व लाउडस्पीकर का संधारण तक नहीं करा पा रहा है। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए, जिसेस भक्त आरती व मंत्रोच्चार की ध्वनि सुनकर धर्मलाभ ले सकें।
वही इसके चलते महाकाल मंदिर के समीप जाने पर भी अजान की आवाज तो आती है, मगर महाकाल की भस्मआरती की नहीं। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि हिंदुओं के साथ इस तरह का पक्षपात न करे। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के शिखर के ऊपर चलने वाला तुरई लाउडस्पीकर बीते कई वर्षों से बंद हैं। आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने भी इसका समर्थन किया है तथा दोनों संतों ने कहा कि महाकाल मंदिर के समीप जाने पर भी अजान की आवाज तो आती है, किन्तु महाकाल की भस्मआरती की नहीं। इसलिए महाकाल मंदिर के विकास पर हजारों करोड़ खर्च करने वाले प्रशासन को चाहिए कि हिंदुओं के साथ इस तरह का पक्षपात न करे। उन्होंने कहा कि तेज बजते लाउडस्पीकर से छात्र ही नहीं ह्रदय रोगी भी परेशान होते हैं।
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