नईदिल्ली। मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नाइक ने आतंकी गतिविधियों में उनके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और उनके स्वयं के द्वारा किसी तरह का फंड न लगाए जाने की बात कही है। जाकिर ने अपने उपर लगाए गए आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्व जो कि आतंकी समूहों से जुड़े हैं वे उनके भाषण से प्रभावित हुए हैं मगर यह बात सही नहीं है कि वे आतंक को फंडिंग कर रहे हैं।
यदि आतंकियों को प्रोत्साहन दिया होता या फिर मैंने किसी तरह की फंडिंग की होती तो न जाने कितने आतंकी खड़े कर देता। जाकिर नाइक ने इस तरह की बातें कहते हुए कहा कि लाखों समर्थकों में से कुछ समाज विरोध भी हो सकते हैं जो कि हिंसा को प्रोत्साहन देते हैं। मगर उनके द्वारा इस तरह के संदेश को नहीं अपनाया जाता जो उन्होंने दिया है।
जाकिर ने यह भी कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति हिंसा का मार्ग अपनाता है तो फिर वह मुसलमान नहीं है। वे ऐसे किसी भी व्यक्ति को समर्थन नहीं देना चाहते हैं जो कि हिंसक और आतंकी गतिविधियों में शामिल हो। जाकिर ने कहा कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि फाउंडेशन के फंड का उपयोग किसी भी तरह के गलत कार्य में नहीं हुआ है।
आईआरएफ को पिछले 6 वर्ष में लगभग 47 करोड़ रूपए मिले हैं। ऐसे में उसका रिटर्न भी भरा गया है। इतना ही नहीं वह प्रतिबंध के कारण ही राजनीतिक है। नाइक ने भारत लौटने को लेकर कहा कि उन्होंने सरकार से जांच में सहायता की बात कही थी और एनआईए को कहा था कि वे हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं मगर उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। जाकिर का कहना था कि कोई भी मुस्लिम यदि गलत मार्ग अपनाता है तो फिर वे उसे समर्थन नहीं देेंगे। वे हिंसा के रास्ते का समर्थन करने के पक्ष में नहीं हैं।
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